Jefferies ने ग्लोबल इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने ग्रीड एंड फीयर न्यू लेटर के 31 मार्च के नए एडिशन में कहा है कि अगर रूस और यूक्रेन युद्ध का कोई समाधान निकलता है और उसके बाद ग्लोबल एनर्जी स्टॉक्स में कोई बड़ी गिरावट आती है तो यह एनर्जी स्टॉक्स में नई खरीदारी का अच्छा मौका होगा।
उन्होंने निवेशकों को यह सलाह भी दी कि इस मौके पर ग्रोथ स्टॉक्स में आने वाली किसी काउंटर रैली, खासकर घाटा देने वाले टेक्नोलॉजी कंपनियों में आनेवाली रैली को इनमें अपनी पोजिशन घटाने के मौके के रूप में उपयोग में लाना चाहिए।
गौरतलब है कि जब से तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान (Recep Erdogan) के मध्यस्ता में रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए तुर्की में बातचीत शुरु हुई है तब से इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध का कोई समाधान निकलने की उम्मीद बढ़ी है।
घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स मार्च की शुरुआत में पूर्वी यूरोप में इस युद्ध के शुरु होने के साथ ही अब तक के अपने मल्टीमंथ लो पर पहुंच गए थे। लेकिन जब से इस युद्ध का कोई समाधान निकलने की उम्मीद बढ़ी है तब से इसमें 10 फीसदी तक की रिकवरी आ चुकी है।
वुड ने ग्रीड एंड फीयर के इस एडिशन में कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई पर विराम लगने की खबर एनर्जी शेयरों पर आने वाले किसी बड़ी गिरावट को हम एनर्जी शेयरों में नए खरीदारी के मौके के तौर पर भुनाना चाहेंगे क्योंकि तेल की कीमतें सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों की वजह से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरु होने के पहले ही काफी भाग चुकी थीं।
क्रिस्टोफर वुड का यह भी कहना है कि रूस और यूक्रेन के संकट की समाप्ति के उम्मीद में ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में हाल में आई तेजी भी निर्थक है क्योंकि अगर इस जियोपॉलिटिकल समस्या का कोई समाधान हो जाता है तो यूएस फेड अपनी ब्याज दरों में काफी तेजी के साथ बढ़ोतरी करेगा जिसका नेगेटिव असर सबसे पहले टेक्नोलॉजी शेयरों पर देखने को मिलेगा।
क्रिस्टोफर वुड ने आगे कहा कि मनीमार्केट इसी महीने फेड की दरों में हुई 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के बाद इस साल के अंत तक 200 बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी को डिस्काउंट करके चल रहा है। क्रिस्टोफर वुड का यह भी मानना है कि मार्केट के लिए नियर टर्म का सबसे अहम मुद्दा यह है कि यूएस फेड बैलेंसशीट पर क्या संकेत देता है।
आमतौर पर यह मान्यता है कि मई और जून महीने में यूएस फेड ब्याज दरों में 50 -50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करेगा। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक के बैलेंसशीट में भी कटौती देखने को मिलेगी जिसमें 2 सालों के दौरान कोविड -19 महामारी की वजह से काफी विस्तार देखने को मिला था।
बता दें कि पिछले महीने समाप्त हुए यूएस फेड के क्वांटिटेटिव ईजिंग( quantitative easing) प्रोग्राम को पिछले 2 साल के दौरान ग्लोबल रिस्क एसेट्स में इक्विटीज पर क्रिप्टोकरेंसी को मिल रही बढ़त की मुख्य वजह माना जा रहा है।