Credit Cards

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने पहली तिमाही में 7856 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले, 41 तिमाहियों में सबसे कम रही बैंक की GNPA

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए रेशियो मार्च 2013 के 4.8 फीसदी के बाद सबसे कम स्तर पर आ गया है। वहीं, इसका नेट एनपीए सितंबर 2011 में 1.37 फीसदी के बाद सबसे कम स्तर पर रहा है। बैंक तब किसी लोन के बट्टे खाते में डाल देते हैं जब उनको उस लोन की वसूली की कोई गुंजाइश नहीं नजर आती है

अपडेटेड Jul 18, 2023 पर 10:59 AM
Story continues below Advertisement
30 जून को खत्म हुई तिमाही में बैंक का कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों का एनपीए 3650 करोड़ रुपये था। ये पिछले वित्त वर्ष के इसी अवधि में 6127 करोड़ रुपये पर रहा था
     
     
    live
    Volume
    Todays L/H
    Details

    अप्रैल-जून 2023 तिमाही में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बैड लोन में भारी कमी आई है। विश्लेषकों का कहना है कि बैंक के बैड लोन में गिरावट की मुख्य वजह तमाम एनपीए को बट्टे खाते में डालना रहा है। जून तिमाही में सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए सालाना आधार पर 14.9 फीसदी से गिरकर 4.95 फीसदी पर आ गया है। सेंट्रल बैंक ने 17 जुलाई को कहा कि बैंक ने अप्रैल-जून तिमाही में 7856 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। जून तिमाह में बैंक के नेट एनपीए में भी गिरावट आई है। इस अवधि में बैंक की नेट एनपीए सालाना आधार पर 3.93 फीसदी से गिरकर 1.75 फीसदी पर रहा है।

    क्या होता है लोन को बट्टे खाते में डालना?

    बता दें कि बैंक तब किसी लोन के बट्टे खाते में डाल देते हैं जब उनको उस लोन की वसूली की कोई गुंजाइश नहीं नजर आती है। आमतौर पर, बैंकों को बट्टे खाते में डाली गई लोन राशि का 100 फीसदी प्रॉविजनिंग के रूप में अलग रखना पड़ता है। इससे बैंक के मुनाफे पर निगेटिव असर पड़ता है।


    क्या कहती है ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट

    ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए रेशियो मार्च 2013 के 4.8 फीसदी के बाद सबसे कम स्तर पर आ गया है। वहीं, इसका नेट एनपीए सितंबर 2011 में 1.37 फीसदी के बाद सबसे कम स्तर पर रहा है।

    एनपीए के आंकडें

    रुपए में देखें तो जून 2023 में खत्म हुई तिमाही में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए सालाना आधार पर 29002 करोड़ रुपए से घटकर 10891 करोड़ रुपए पर रहा है। वहीं, इस अवधि में बैंक का नेट एनपीए सालाना आधार पर 6785 करोड़ रुपए से घटकर 3718 करोड़ रुपए पर रहा है।

    30 जून 2023 को खत्म हुई तिमाही में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का प्रॉविजनिंग कवरेज रेशियो 92.23 फीसदी पर रहा है। इसमें साल दर साल आधार पर 562 आधार अंक (बीपीएस) का सुधार देखने को मिला है। एक आधार अंक एक फीसदी का सौवां हिस्सा होता है।

    HDFC Bank पर Q1 नतीजों के बाद ब्रोकरजेज हुए बुलिश, पांच विदेशी ब्रोकर्स ने दिया 2000 के ऊपर का टारगेट

    एनपीए में क्यों हुआ सुधार ?

    बैंक के एनपीए में कमी का प्रमुख कारण हाई टेक्निकल राइट-ऑफ और प्रॉविजनिंग में बढ़त रही है। निवेशकों को बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जून तिमाही में बैंक का कुल प्रॉविजनिंग पिछले वित्त वर्ष के इसी अवधि के 986 करोड़ रुपये से 44 फीसदी बढ़कर 1420 करोड़ रुपये पर रहा है। इस अवधि में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने स्टैंडर्ड एसेट्स के लिए 632 करोड़ रुपये और एनपीए के लिए 244 करोड़ रुपये का प्रॉविजन किया है।

    जून तिमाही में बैंक का 'कॉर्पोरेट और अन्य' कटेगरी का एनपीए 14915 करोड़ रुपये से घटकर 2781 करोड़ रुपये रुपए पर रहा है। वही, रिटेल, कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों और माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइज के एनपीए में भी सुधार हुआ है। 30 जून को खत्म हुई तिमाही में बैंक का कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों का एनपीए 3650 करोड़ रुपये था। ये पिछले वित्त वर्ष के इसी अवधि में 6127 करोड़ रुपये पर रहा था।

    सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया  के Q1 नतीजे

    सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में उसका मुनाफा सालाना आधार पर 78 फीसदी की बढ़त के साथ 418.4 करोड़ रुपये पर रहा है। हालांकि तिमाही आधार पर बैंक की आय में 26.8 फीसदी की गिरावट आई है। 30 जून 2023 को खत्म हुई तिमाही में बैंक की ब्याज आय 48 फीसदी बढ़कर 3176 करोड़ रुपये पर रही है। जबकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन 74 बीपीएस बढ़कर 3.62 फीसदी पर रही। बता दें नेट इंटरेस्ट इनकम बैंक द्वारा अर्जित ब्याज और भुगतान किए गए ब्याज के बीच का अंतर होता है।

    इस अवधि में बैंक का डिपॉजिट 6 फीसदी बढ़कर 3.63 लाख करोड़ रुपये और ग्रॉस एडवांसेज 12.95 फीसदी बढ़कर 2.2 लाख करोड़ रुपये पर रहे हैं।

    हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।