Chandrayaan-3 मिशन में इन सरकारी और निजी कंपनियों की है बड़ी भूमिका

अंतरिक्ष का हर मिशन की साख देश से जुड़ी होती है। यही वजह है कि ऐसे मिशन पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। वैज्ञानिक ऐसे मिशन को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इंडिया में अंतरिक्ष मिशन की जिम्मेदारी ISRO पर है। लेकिन, इसरो को इस काम में कई सरकारी और प्राइवेट कंपनियां मदद करती हैं

अपडेटेड Aug 23, 2023 पर 10:25 PM
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इंडिया इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है। शाम करीब 6 बजे चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर चांद पर उतरेगा। इसके साथ ही इंडिया दुनिया के उन देशों की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब हो जाएगा, जिनके मून मिशन कामयाब रहे हैं।

इंडिया के लिए 23 अगस्त की तारीख खास है। इंडिया इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है। शाम करीब 6 बजे चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3  Mission) का विक्रम लैंडर चांद पर उतरेगा। इसके साथ ही इंडिया दुनिया के उन देशों की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब हो जाएगा, जिनके मून मिशन कामयाब रहे हैं। इनमें अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं। अंतरिक्ष का हर मिशन की साख देश से जुड़ी होती है। यही वजह है कि ऐसे मिशन पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। वैज्ञानिक ऐसे मिशन को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इंडिया में अंतरिक्ष मिशन की जिम्मेदारी ISRO पर है। लेकिन, इसरो को इस काम में कई सरकारी और प्राइवेट कंपनियां मदद करती हैं। आइए जानते हैं चंद्रयान-3 मिशन में किन कंपनियों ने बड़ी भूमिका निभाई है।

L&T

लार्सन एंड टूब्रो की एयरोस्पेस इकाई ने ऐसे अहम कंपोनेंट्स की सप्लाई की है, जिनका इस्तेमाल चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च व्हीकल में किया गया है। इसने बूस्टर सगेमेंट का निर्माण किया है। इनमें हेड एंड सेगमेंट, मिडिल सेगमेंट और नोजल बकेट फ्लेंज शामिल हैं। इनके अलावा इसने एलएंडटी की एयरोस्पेस इकाई ने कई दूसरे कंपोनेंट्स भी इस मिशन के लिए उपलब्ध कराए हैं। एलएंडटी देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी है।

Mishra Dhatu Nigam


सार्वजनिक क्षेत्क की इस कंपनी ने चंद्रयान-3 मिशन में इस्तेमाल होने वाले कई अहम मैटेरियल उपलब्द कराए हैं। इनमें कोबाल्ड बेस एलॉयज, नकेल बेस एलॉयज, टाइटेनियम एलॉयज और स्पेशल स्टील्स शामिल हैं। इनका इस्तेमाल इस मिशन के ल़ॉन्च व्हीकल को बनाने के लिए किया गया है। लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए सबसे मजबूत मेटल का इस्तेमाल होता है।

BHEL

चंद्रयान-3 मिशन के लिए बेटरीज की सप्लाई भेल ने की है। यह सरकार की कंपनी है। इसके वेल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (WRI) ने इस मिशन के लिए बाइ-मैटेलिक एडेप्टर्स भी उपलब्ध कराए हैं। भेल सरकार की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।

MTAR Technologies

चंद्रयान -3 मिशन में इस कंपनी का अहम योगदान है। इस प्राइवेट कंपनी ने इंजन और बूस्टर पंप्स सहित कई अहम कंपोनेंट इस मिसन को उपलब्ध कराए हैं। प्राइवेट कंपनी गोदरेज एयरोस्पेस ने अपर स्टेज के लिए सीई20 इंजन थ्रस्ट चैंबर और L110 सहित कई अहम कंपोनेंट इस मिशन को उपलब्ध कराए हैं। इनका इस्तेमाल इंजन और थ्रस्टर्स में होंगे।

Ankit Aerospace

इस कंपनी ने अलॉय स्टील, स्टेनलेस स्टील फास्टनर्स और खास तौर पर बनाए गए टाइटेनियम बोल्ट्स इस मिशन के लिए उपलब्ध कराए हैं। Walchandnagar Industries ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए बूस्टर सेगमेंट S200 उपलब्ध कराए हैं, जिनका इस्तेमाल लॉन्च व्हीकल में किया गया है।

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