2024 में इन सेक्टर्स पर रहेगी नजर, चीन के राहत पैकेज से लग सकता है झटका

Market Outlook this year 2024: दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट एंड्र्यू हॉलैंड के मुताबिक चीन के राहत पैकेज से भारतीय मार्केट को झटका लग सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस साल किन सेक्टर्स में तेज हलचल रहेगी और क्यों? उन्होंने इस साल मार्केट को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों को लेकर भी खुलासा किया। जानिए उन्होंने क्या-क्या बातें कहीं?

अपडेटेड Jan 01, 2024 पर 4:11 PM
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Market Outlook this year 2024: दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट एंड्र्यू हॉलैंड का मानना है कि इस साल डिफेंस और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश और एक्सपेंडिचर पर इस साल नजर रहेगी। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इसकी वजह का खुलासा किया कि वह बैंकिंग सेक्टर को लेकर इतने बुलिश क्यों हैं? इसके अलावा उन्होंने इस बातचीत में खुलासा किया कि इस साल किन सेक्टर पर नजर रहेगी। उन्होंने चीन से जुड़े खतरों पर भी चर्चा की जिसका असर भारत समेत कई विकासशील देशों पर दिख सकता है। यहां इस साल भारतीय मार्केट को प्रभावित करने वाले सभी कारकों को लेकर उन्होंने जो बातें कहीं, उसके बारे में बताया जा रहा है।

चीन समेत किन बातों से पड़ेगा भारतीय मार्केट पर असर

एंड्र्यू हॉलैंड (Andrew Holland) के मुताबिक अगर चीन अपने यहां प्रॉपर्टी सेक्टर के लिए राहत पैकेज का ऐलान करता है तो वहां का मार्केट अत्यधिक आकर्षक हो जाएगा और इससे भारत समेत उभरते बाजारों से पूंजी वहां शिफ्ट हो सकती है। इसके अलावा स्वेज नहर संकट औऱ अमेरिका-इराक तनाव जैसे घटनाओं का भी असर दिख सकता है। एंड्र्यू के मुताबिक अगर तनाव गहराता है तो इसका असर सप्लाई चेन पर पड़ेगा और कच्चे तेल के भाव भी चढ़ेंगे। ऐसी स्थिति में लंबे समय तक मुद्रास्फीति का माहौल बन सकता है और रेट कटौती का इंतजार लंबा खिसक सकता है। इससे मार्केट में एकाएक तेज गिरावट दिख सकती है।


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किन सेक्टर पर रहेगी इस साल नजर

एंड्र्यू हॉलैंड के मुताबिक इस साल डिफेंस एक्सपेंडिचर, रिन्यूएबल एनर्जी इनवेस्टमेंट्स के साथ-साथ एल्कोहॉलिक और नॉन-एल्कोहॉलिक बेवरेज इंडस्ट्रीज के प्रीमियमाइजेशन पर नजर रहेगी। एंड्रूयू के मुताबिक अभी इन सेक्टर में ग्रोथ बस शुरू ही हुई है यानी कि इसमें तेज ग्रोथ की गुंजाइश है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर भी इस साल और अगले साल नजर रहेगी। एंड्रूयू के मुताबिक कई देशी और विदेशी कंपनियां सरकारी इंसेंटिव और घरेलू मार्केट के साथ-साथ निर्यात में ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं को भुनाने की कोशिश करेंगी।

स्पेशल्टी केमिकल्स को लेकर एंड्र्यू का मानना है कि फिलहाल इस सेक्टर में निवेश के लिए कोई ट्रिगर नहीं दिख रहा है। अब आईटी सेक्टर की बात करें तो इसमें अभी तक अमेरिका में कम ब्याज दरों के चलते बुलिश रुझान था लेकिन अगले छह महीने तक इसके आउटलुक में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आईटी कंपनियों के नतीजे भी खराब रहने की आशंका है। हालांकि इसमें सुधार की उम्मीद भी है लेकिन केमिकल्स के लिए ऐसा नहीं कह सकते हैं।

बैंकिंग सेक्टर को लेकर क्या है रुझान

अब बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो मार्च में अगर अमेरिकी फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.25 फीसदी की कटौती करता है तो आरबीआई भी अप्रैल में यह रास्ता पकड़ सकता है। इससे बैंकों पर हाई वैल्यू डिपॉजिट्स को प्रीमियम पर जारी रखने का दबाव कम हो जाएगा और फिर नेट इंटेरेस्ट मार्जिन (NIM) में सुधार हो सकता है। चुनावी वर्ष में राजनीतिक तौर पर स्थिरता के भरोसे के साथ मिलकर यह निजी कंपनियों के कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा मिल सकता है। इससे बैंकों का लोन बुक मजबूत होगा। इस कारण एंड्रूयू पीएसयू बैंकों को लेकर पॉजिटिव हैं लेकिन अगर इस साल की पहली तिमाही बैंकिंग सेक्टर में तेजी का रुझान दिखता है तो।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Moneycontrol News

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First Published: Jan 01, 2024 4:11 PM

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