China Stock Market: चीन की सरकार ने स्टॉक मार्केट में गिरावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। घरेलू संस्थागत निवेशकों और विदेशी इनवेस्टर्स पर कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। फंड मैनेजर्स का कहना है कि ये उपाय बेअसर साबित होंगे। साथ ही इनका उभरते बाजारों पर खराब असर पड़ेगा। चीन की इकोनॉमी की सेहत अच्छी नहीं है। स्टॉक मार्केट्स की स्थिति भी डावाडोल है। शंघाई कंपोजिट इंडेक्स (Shanghai Composite index) में इस साल अब तक 9 फीसदी गिरावट आ चुकी है। हैंगसेंग (Hang Seng index) पिछले छह महीनों में 21 फीसदी से ज्यादा क्रैश कर चुका है। 3 फरवरी को शेयरों की कीमतें गिरकर पांच साल के निचले स्तर पर आ गईं। इसके बाद मार्केट रेगुलेटर ने मार्केट में कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने का ऐलान किया। इसमें शॉर्ट-सेलिंग पर रोक शामिल है। रेगुलेटर लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देना चाहता है।
रेगुलेटर के उपाय बेअसर साबित होंगे
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेगुलेटर की तरफ से उठाए गए कदमों का ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। Pinetree Macro के को-फाउंडर रितेश जैन ने मनीकंट्रोल को बताया कि चीन में सरकार की तरफ से मार्केट में जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उन्हें अच्छा नहीं कहा जा सकता। इसकी वजह यह है कि इस तरह के उपाय कभी कारगर नहीं होते। उन्होंने कहा कि जब कभी इस तरह के कदम उठाए जाते हैं, निवेशकों का भरोसा घट जाता है।
यह भी पढ़ें: Hot Stocks Today: कुछ ही हफ्ते में आपकी जेब भर देंगे ये स्टॉक्स, अभी दांव लगाने का शानदार मौका
मार्केट में ज्यादा पैसे डालने का नहीं होगा फायदा
जैन का यह भी मानना है कि अगर चीन की सरकार मार्केट में स्थिरता लाने के लिए ज्यादा पैसे डालती है तो उससे मदद नहीं मिलने वाली है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर पैसा विदेशी स्टॉक्स में चला जाएगा, क्योंकि घरेलू निवेशकों का भरोसा काफी कमजोर हो चुका है। हेलियस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का भी ऐसा ही मानना है। उन्होंने कहा, "आम तौर पर बाजार को प्रतिबंध पसंद नहीं है। अगर सिस्टम में ज्यादा शॉर्ट्स हैं तो शेयरों की कमी की वजह से कीमतें बढ़ सकती हैं। लेकिन बाद में इनवेस्टर्स उन्हें बेचेंगे, जिससे कीमतें गिर जाएंगी।"
इंडिया पर नहीं पड़ेगा असर
फर्स्ट ग्लोबल की को-फाउंडर और चेयरपर्सन देविना मेहरा ने कहा कि रेगुलेटर घबराहट में इस तरह के कदम उठाते हैं। लेकिन, वे गिरावट रोकने में सफल नहीं होते हैं। इन प्रतिबंधों की वजह से चीन को जितना फायदा होगा, उससे ज्यादा नुकसान उभरते बाजारों को होगा। जैन का कहना है कि चीन में प्रतिबंधों का फायदा इंडिया को हो सकता है, क्योंकि इंडिया में निवेश बढ़ सकता है। लेकिन, मेहरा का कहना है कि चीन से पैसा निकलने और इंडिया में आने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि अगर चीन का मार्केट अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो उभरते बाजारों के इंडेक्स का प्रदर्शन भी कमजोर रहेगा।