100-बैगर्स के लेखक और वुडलॉक हाउस फैमिली कैपिटल के को-फाउंडर क्रिस मेयर ने मल्टीबैगर्स स्टॉक्स की पहचान के बारे में कई बातें बताईं। मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट में उन्होंने कहा कि आपको ऐसी कंपनी की तलाश करनी पड़ती है जो कैपिटल पर ज्यादा रिटर्न जेनरेट करती है। ऐसी कंपनियां तेज ग्रोथ के लिए अपने प्रॉफिट को दोबारा इनवेस्ट करती हैं। उन्होंने स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं।
तेज ग्रोथ वाली कंपनी के स्टॉक की कीमत ज्यादा होगी
क्रिस (Christopher Mayer) ने कहा कि मैंने ऐसी कंपनियों की तलाश करने के लिए कई कंपनियों के मार्केट साइज उनकी कॉम्पटिटिव एडवान्टेज की स्टडी की। आपको यह समझना होगा कि बेस्ट कंपनी में हमेशा हाई वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग होती है। एक ऐसी लिमिट है, जिससे ज्यादा कीमत आप नहीं चुका सकते या आपका रिटर्न बहुत सामान्य रह सकता है। अगर आप सोच सकते हैं कि 10 साल में 25 फीसदी का कंपाउंडेड रिटर्न ईपीएस में छह गुना इजाफा है। फिर आपको 25 गुना या 30 गुना या 35 गुना कीमत चुकाने में दिक्कत नहीं आती है। इसका एक तरीका यह भी है कि अभी आप कुछ स्टॉक्स खरीद लें। फिर गिरावट आने पर और स्टॉक्स खरीदें।
कीमतों को बहुत ज्यादा संवेदनशील होने का फायदा नहीं
उन्होंने कहा कि मैं लोगों को वैल्यूएशन को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील नहीं होने को कहता हूं। अगर ऐसी कंपनी दिखती है जो 20-25 साल में 50 गुना या 100 गुना होने जा रही है तो फिर स्टॉक की कीमत को लेकर मैं ज्यादा चिंता नहीं करूंगा। अट्रैक्टिव कीमत पर इनवेस्ट करने से ज्यादा जरूरी है कि सही बिजनेस में निवेश किया जाए। अगर कोई कंपनी लंबे समय से बिजनेस कर रही है तो प्रतिस्पर्धा के मामले में वह दूसरी कंपनियों से मजबूत स्थिति में होगी। किसी स्टॉक में निवेश करने से पहले आपको उसकी बाजार हिस्सेदारी, मार्केट हिस्सेदारी में स्थिरता और यह देखने की जरूरत है कि वह कंपनी किस तरह अपनी बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने में सफल रही है।
प्रॉफिट को दोबारा इनवेस्ट करने पर ग्रोथ बढ़ती है
क्रिस ने Copart कंपनी का उदाहरण दिया। यह कंपनी बेकार हो चुकी गाडियों के बिजनेस में है। अगर कार का एक्सिडेंट हो जाता है तो वह पूरी तरह से बेकार हो जाती है तो उसे कोपार्ट खरीद लेगी। वह इसकी नीलामी करेगी। इस बिजनेस में कोपार्ट को कैपिटल को काफी ज्यादा रिटर्न मिलता है। फिर वह प्रॉफिट को दोबारा इनवेस्ट करती है।
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पुरानी कंपनियां प्रतिस्पर्धा का मजबूत से मुकाबला करती हैं
उन्होंने कहा कि कोपार्ट से मुकाबले किसी कंपनी के लिए मुश्किल होता है, क्योंकि उसके यार्ड में हजारों गाड़ियां पड़ी रहती हैं। अमेरिकी सरकार के नियमों और दूसरी दिक्कतों के चलते नया यार्ड बनाना काफी मुश्किल है। कोपार्ट पिछले 20 साल से जमीन खरीद रही है और यार्ड का विस्तार कर रही है। इसलिए किसी नई कंपनी के लिए उसका मुकाबला करना मुश्किल है। कंपनी के पास ऐसे बायर्स का नेटवर्क है, जो उसकी गाड़ियों की बोली लगाते हैं।