Civil Engineering Jobs in Ayodhya: अयोध्या में सिविल इंजीनियरों की नौकरियों में 15% का उछाल, अन्य सेक्टर्स पर भी फोकस
Ayodhya में जल्द ही सिविल इंजीनियरों धूम मचा सकते हैं।अगले दो वर्षों में शहर में विभिन्न स्तरों पर निर्माण कार्यों की मांग में कम से कम 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। राम मंदिर के निर्माण ने पौराणिक महत्व के इस शहर में आर्थिक विकास की लहर चला दी है। इससे अयोध्या में सिविल इंजीनयरिंग में नौकरियों की जोरदार ग्रोथ दिखेगी
CIEL HR का कहना का कहना है कि अयोध्या में नई पैदा होने वाली कुल नौकरियों में से लगभग 22 प्रतिशत नौकरियां इंजीनियरिंग सेक्टर से संबंधित हैं
सिविल इंजीनियरों के जल्द ही अयोध्या (Ayodhya) में धूम मचाने की संभावना है। इसकी वजह ये है कि अगले दो वर्षों में शहर में विभिन्न स्तरों पर निर्माण कार्यों की मांग में कम से कम 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। स्टाफिंग कंपनियों ने ऐसा मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया। राम मंदिर के निर्माण ने पौराणिक महत्व के इस शहर में आर्थिक विकास की लहर चला दी है। यह कोचिंग सेंटरों का केंद्र बनने से हटकर एक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) का उद्घाटन करने वाले हैं। उद्योग जगत के लीडर्स को निर्माण गतिविधियों में तीन गुना उछाल की उम्मीद है। यहां पर मुख्य रूप से शॉपिंग हब, होटल और रेस्तरां बनने की उम्मीद है।
स्टाफिंग फर्म सीआईईएल एचआर (CIEL HR) ने नोटिस किया कि कुल नौकरियों में से लगभग 22 प्रतिशत नौकरियां इंजीनियरिंग से संबंधित हैं। इनमें सिविल इंजीनियरिंग, MEP (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) मैनेजर्स, एक्जीक्यूशन एमेनिटी इंजीनियर्स, साइट सुपरवाइजर्स और साइट इंजीनियरों के लिए नौकरियां हैं।
CIEL HR के निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी संतोष नायर ने कहा “अयोध्या में म्युजियम, आर्ट गैलरी, प्रदर्शन स्थल और हेरीटेज भी बनाये जाने की संभावना है। इससे इन प्रोजेक्ट्स में शामिल आर्किटेक्ट्स, डिजाइनरों और निर्माण मजदूरों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे।”
अयोध्या का भौगोलिक विस्तार लगभग 120 वर्ग किमी तक है और आबादी लगभग 80,000 है। यह देखते हुए कि आज के राम मंदिर उद्घाटन ने भारी राष्ट्रीय और वैश्विक प्रचार आकर्षित किया है, इसलिए उद्योग जगत के लीडर्स का अनुमान है कि यह स्थल भारत में सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण बन सकता है।
“इंजीनियरों, विशेष रूप से सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स की मांग में स्पष्ट वृद्धि होगी क्योंकि सभी श्रेणियों के होटलों के निर्माण में भारी वृद्धि होगी। ऐसी उम्मीद है कि अयोध्या में छोटे, बजट और साथ ही बड़े होटल आने वाले हैं। इनके निर्माण में सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की अत्यधिक मांग होगी। मेरे विचार में, इंजीनियरों की मांग में कम से कम 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।” ऐसा Genius Consultants के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरपी यादव ने कहा।
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से शहर में कुशल श्रमिकों (skilled labour) की मांग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। पर्यटकों के आने और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए हॉस्पिटैलिटी, यात्रा, भोजन और पेय पदार्थ सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
TeamLease Services के वीपी बालासुब्रमण्यम ए के अनुसार, भविष्य में विकास अधिक होने की उम्मीद है। इससे पर्यटन विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के आधार पर यहां 30,000-50,000 नौकरियों पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा, "रिटेल सेक्टर में भी वृद्धि दिखने की उम्मीद है, क्योंकि बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए व्यवसाय खुल रहे हैं।"
लोकल आर्ट, क्राफ्ट्स और कल्चरल सेक्टर्स में भी नौकरियों के लिए अवसर पैदा होंगे।
WorkIndia के को-फाउंडर और सीईओ नीलेश डूंगरवाल ने कहा, इन सेक्टर्स में रोजगार में लगभग 30,000 की वृद्धि अगले वर्ष तक दिखने को मिल सकती है। हालांकि, डूंगरवाल ने बताया कि कुशल प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग को पूरा करने में अयोध्या को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, "हालांकि परंपरागत रूप से, ब्लू-कॉलर वर्कर्स नौकरी के लिए पलायन करने के लिए तैयार रहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अब ज्यादा ब्लू और ग्रे-कॉलर वर्कर्स अयोध्या आएंगे।"
डिमांड और मौजूदा कुशल वर्कफोर्स के बीच के गैप पर प्रकाश डालते हुए, बालासुब्रमण्यम ने सुझाव दिया कि इस गैप को पाटने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम महत्वपूर्ण होगा।