टाटा म्यूचुअल फंड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल सिंह ने बाजार और इकोनॉमी की आगे की दशा और दिशा पर मनीकंट्रोल से लंबी बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि जून तिमाही के नतीजे काफी हद तक उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं। तमाम मोर्चे पर बैंकों ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद अब बैंकिंग स्टॉक काफी अच्छे स्थिति में नजर आ रहे हैं।
वहीं पहली तिमाही में आईटी स्टॉक्स के मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है। हालांकि नियर टर्म के नजरिए से आईटी शेयरों का डिमांड आउटलुक काफी मजबूत बना हुआ है। फिर भी आईटी कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री का टोन धीमा रहा है।
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी पर बात करते हुए राहुल सिंह ने आगे कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी से रुपये को सहारा मिलेगा। राहुल सिंह का मानना है कि आगे डॉलर के मुकाबले रुपया हमें 79-80 के दायरे में घूमता नजर आएगा और करेंसी मार्केट की नजर डॉलर इंडेक्स पर लगी रहेगी।
क्या बाजार को अभी भी महंगाई का खतरा बना हुआ है? इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई अभी भी विकसित बाजारों के लिए ज्यादा बड़ा दर्द है। महंगाई पर नियत्रंण पाने में अभी और समय लग सकता है। हालांकि वर्तमान जियोपॉलिटिकल तनाव, चीन और ताइवान के बीच बन रही स्थिति पूरा खेल बिगाड़ सकती है। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में हमें इन मुद्दों पर नजरें बनाए रखनी चाहिए।
निवेश के नजरिए से कहां होनी चाहिए नजर? इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल सिंह ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर काफी अच्छे नजर आ रहे हैं। इनके वैल्यूएशन अभी भी मिडसाइकिल में है। इसके अलावा कैपिटल गुड्स और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को भी मांग में मजबूती का फायदा मिल रहा है। हेल्थकेयर स्ट्रक्चरल बॉय बना हुआ है। खपत से जुड़े शेयरों पर नजर डालें तो कोविड के बाद कि स्थितियों में आई रिकवरी के चलते आगे हमें ग्रामीण डिमांड में कमजोरी देखने को मिल सकती है जबकि शहरी डिमांड में स्थिरता आती दिख सकती है। ऐसे में खपत से जुड़े शेयरों पर भी नजर रहनी चाहिए।
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