आईटी सेक्टर (IT Sector) के लिए यह कंसॉलिडेशन का साल हो सकता है। इसकी वजह यह है कि कुछ विकसित देशों में इकोनॉमिक स्लोडाउन (Economic Slowdown) और मंदी (recession) का खतरा मंडरा रहा है। इसका असर आईटी कंपनियों (IT Companies) के संभावित ऑर्डर पर पड़ेगा। यह कहना है ग्रीन पोर्टफोलियो के दिवम शर्मा का। उन्होंने मनीकंट्रोल से बातचीत में शेयर बाजार से जुड़े कई पहलुओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि किन सेक्टर में निवेश करने पर अच्छा मुनाफा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल, कैपिटल गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर में कैपिटल इनफ्लो की संभावना दिखाई देती है। यह एफपीआई और एफडीआई कैपिटल के रूप में हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में चीन में जैसी ग्रोथ रही है, वैसी ग्रोथ अब इंडिया में दिखाई देगी। इस दशक में इंडिया में ग्रोथ तेज रहने की उम्मीद है। इसकी कई वजहे हैं।
इंडिया में 30 साल से कम उम्र के लोगों की बड़ी संख्या है। लेबर सस्ता है और सरकार का जोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। खासकर पिछले कुछ सालों में रोड, पोर्ट्स और पावर जैसे क्षेत्रों पर सरकार का बहुत फोकस रहा है।
शर्मा ने कहा कि PLI जैसी सरकार की स्कीमों की वजह से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला है। चाइना प्लस वन की कंपनियों की पॉलिसी भी इंडिया के लिए फायदेमंद है। एनर्जी के क्षेत्र में घरेलू और विदेशी फंड काफी निवेश कर रहे हैं। आने वाले सालों में रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस और बढ़ेगा। पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बैटरी पर फोकस बढ़ा है। इथनॉल ब्लेंडिंग और ट्रांसमिशन पर भी पहले के मुकाबले ज्यादा फोकस है।
उन्होंने कहा कि एयर ट्रैफिक की ग्रोथ बहुत अच्छी है। हालांकि अभी कोविड के पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाए हैं। फॉरेन ट्रेवल, एजुकेशन जैसे सेक्टर अब पूरी तरह खुल चुके हैं। इनमें बहुत अच्छी ग्रोथ की संभावना दिख रही है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा। इससे जीडीपी को भी बढ़ावा मिलेगा।
आईटी सेक्टर के बारे में शर्मा ने कहा यह साल कंसॉलिडेशन का होगा। कुछ विकसित देशों में स्लोडाउन और मंदी की आशंका का असर आईटी कंपनियों के ऑर्डर फ्लो पर पड़ेगा। मेरा मानना है कि आने वाले सालों में आईटी कंपनियों के मार्जिन पर भी दबाव होगा। उन्हें हाई एट्रिशन से भी निपटना होगा।
यह पूछने पर कि किन सेक्टर में निवेश से फायदा हो सकता है, शर्मा ने कहा कि फार्मा, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स-गारमेंट्स, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, स्टील और कैपिटल गुड्स ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें छोटी अवधि में निवेश की अच्छी संभावना दिख रही है। वैल्यूएशन के लिहाज से इन सेक्टर की कंपनियों में निवेश किया जा सकता है।