मॉर्गन स्टेनली ने अदाणी पावर के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। उसने इस कंपनी को इंडिया में कंपनियों के इतिहास में टर्नअराउंट का अच्छा उदाहरण बताया है। टर्नअराउंड का मतलब किसी कंपनी के संकट से उबरने के बाद फिर से तेज ग्रोथ के रास्ते पर आना होता है। अदाणी पावर अदाणी समूह की कंपनी है। अदाणी समूह की कई कंपनियों और समूह के चेयरमैन और कुछ दूसरे एग्जिक्यूटिव्स को सेबी ने 18 सितंबर को क्लीन चिट दी थी। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के जनवरी 2023 में लगाए गए आरोपों के बाद सेबी ने अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
2033 तक उत्पादन क्षमता 2.5 गुनी हो सकती है
Morgan Stanley ने Adani Power को अपनी पहली पसंद (Top Pick) बताया। विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने अदाणी पावर पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, "समय पर प्रोजेक्ट्स पूरे होने और मीडियम टर्म में और पीपीए करने की बदौलत अदाणी पावर की अर्निंग्स ग्रोथ शानदार रहने की उम्मीद है।" ब्रोकरेज फर्म ने 2033 तक अदाणी पावर की कैपेसिटी 2.5 गुना और EBITDA 3 गुना तक पहुंच जाने की उम्मीद जताई है।
शेयरों के लिए 818 रुपये का टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज फर्म ने अदाणी पावर के शेयरों के लिए 818 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इसका मतलब है कि 19 सितंबर को 716 रुपये के क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले इस स्टॉक में अच्छी तेजी दिख सकती है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि अदाणी पावर इंडिया की सबसे बड़ी IPP और एनटीपीसी के बाद दूसरी सबसे बड़ी थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। कोल कैपेसिटी और जेनरेशन में इसका मार्केट शेयर 8 फीसदी है। अदाणी पावर की बैलेंसशीट काफी स्ट्रॉन्ग है।
पूंजीगत खर्च का ज्यादा हिस्सा आंतरिक स्रोत से आ सकता है
अदाणी पावर के पूंजीगत खर्च के बारे में ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता 23.7 GW करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए 27 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत पड़ेगी। कंपनी इसका 60-65 फीसदी आंतरिक स्रोतों से हासिल कर सकती है। कंपनी के पक्ष में एक खास बात यह है कि इसके एग्जिक्यूशन का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। कंपनी के पास क्षमता विस्तार के लिए पर्याप्त जमीन है।
पावर की बढ़ती मांग का कंपनी को मिलेगा फायदा
इंडिया में पावर की डिमांड के बारे में ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है। इसकी वजह है कि देश में शहरीकरण और औद्योगिकरण की रफ्तार काफी तेज है। इससे बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जेनरेशन और ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश जरूरी है। आबादी के बड़े हिस्से को बिजली की सुविधा मिल रही है। मेक इन इंडिया जैसी पहल से इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिली है। इससे बिजली की उत्पादन लागत में कमी लाने में भी मदद मिली है।
19 सितंबर को 13 फीसदी उछला शेयर
19 सितंबर को Adani Power के शेयरों में जबर्दस्त उछाल दिखा। इसकी वजह हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद सेबी की क्लीन चिट है। अदाणी पावर का शेयर 21 सितंबर को 13 फीसदी चढ़कर 716.10 रुपये पर बंद हुआ। बीते एक महीने में यह स्टॉक 18 फीसदी चढ़ा है। बीते छह महीनों में इसमें 37 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। बीते एक साल में यह स्टॉक 10.24 फीसदी चढ़ा है।