Daily Voice : लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट (Ladderup Wealth Management) के मैनेजिंग डायरेक्टर राघवेंद्र नाथ को उम्मीद है कि हमारे देश के आकार और डेमोग्राफी को देखते हुए, माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में जोरदार तेजी की संभावना है। ये सेक्टर भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक बहुत अच्छा नजर आ रहा है। पिछले कुछ सालों में माइक्रोफाइनांस इंडस्ट्री काफी बड़ी हो गई है। इस सेक्टर में कुछ कंपनियां बहुत अच्छा कर रही हैं। माइक्रोफाइनेंस सेक्टर दो दशकों से ज्यादा समय से अस्तित्व में है। अब इस सेक्टर ने स्टेबिलिटी हासिल कर ली है। इसके साथ ही अब तक हुआ तकनीकी विकास भी बेहतर क्रेडिट वैल्यूएशन और कलेक्शन में योगदान कर रहा है। आगे इस सेक्टर में जोरदार ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
आईटी सेक्टर से कोई बड़ी उम्मीद नहीं
29 साल से ज्यादा का कॉर्पोरेट और कैपिटल मार्केट अनुभव रखने वाले राघवेंद्र नाथ का कहना है कि वर्तमान महंगाई और ग्रोथ आउटलुक को ध्यान में रखते हुए उन्हें आईटी सेक्टर में दूसरी छमाही में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद नहीं है। ऐसा नहीं लगता है कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक या यूएस फेड निकट भविष्य में अपने रुख में कोई बदलाव करेंगे। इनके रुख में कोई बदलाव न होने पर आईटी पर दबाव कायम रहेगा।
महंगाई से अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा नहीं
महंगाई पर बात करते हुए राघवेंद्र नाथ ने कहा कि हाल के दिनों में महंगी होती खाने-पीने की चीजों और तेल की कीमतों में लगातार बढ़त महंगाई बढ़ाने वाले सबसे बड़े फैक्टर रहे हैं। कुछ महीने पहले तेल के अलावा, टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही थीं। तेल जो 75 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, इस समय 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। जुलाई-अगस्त में कमजोर मानसून, ग्लोबल मंदी के कारण निर्यात में कमी और तेल की कीमतों में बढ़त के कारण आयात बिल और महंगाई के और भी बढ़ने का डर पैदा हो गया था।
हालांकि, वर्तमान में खाने-पीने की चीजों कीमतें काफी कम हो गई हैं और भारत में मानसून का मौसम सामान्य रूप स्तर पर खत्म हो गया है। साथ ही तेल की कीमतें फिलहाल स्थिर होती दिख रही हैं। इसके अलावा, पिछले कई महीनों में हुई ब्याज दरों में कई बढ़ोतरी को देखते हुए, बैंकिंग प्रणाली में तरलता भी आरबीआई के नियंत्रण में आती दिख रही है। ऐसे में महंगाई से अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज्यादा खतरा नजर नहीं आ रहा है।
एनबीएफसी कंपनियों में तेजी की संभावना
नान-बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर पर बात करते हुए राघवेंद्र नाथ ने कहा कि नान-बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर बेहद व्यापक है। जिसमें अलग-अलग एनबीएफसी अलग ग्राहकों को अपनी सेवाएं देती हैं। ऐसे में इस पूरे सेक्टर के लिए कोई एक राय नहीं दी जा सकती है। हालांकि कैपेक्स साइकिल में फिर से आ रही तेजी, उपभोग मांग में बढ़ोतरी, यात्री वाहनों की मांग में मजबूत बढ़त और रिटेल लोन की मांग में तेजी ये सभी फैक्टर इस सेक्टर के लिए अच्छे संकेत हैं। राघवेंद्र नाथ का मानना है कि अच्छी क्वालिटी वाली एनबीएफसी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाती दिखेंगे। आने वाली तिमाहियों में इनमें मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता
बाजार पर बात करते हुए राघवेंद्र नाथ ने कहा कि वर्तमान में, इक्विटी बाजार अपने ऑलटाइम हाई के करीब कारोबार कर रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि यह अब किस दिशा में जाएगा। बाजार में अब एक बड़े करेक्शन का भी अंदाजा लगाया जा रहा है। कॉर्पोरेट लेवल पर चीजें स्थिर बनी हुई हैं और हमें तमाम सेक्टरों के वित्तीय प्रदर्शन से किसी बड़े झटके की उम्मीद नहीं है।
इसी तरह, आरबीआई की तरफ से आगे और ज्यादा कठोर रुख की उम्मीद नहीं है। हालांकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें। बढ़ता जियोपॉलिटिकल तनाव बाजार के लिए तत्काल जोखिम बने हुए हैं। इसके अलावा बाजार की नजरें महंगाई पर अमेरिका और दूसरे विकसित देशों के नजरिए और बदलती जियोपॉलिटिकल स्थितियों पर बनी रहेगी।
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