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Daily Voice: बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, इंफ्रा, यूटिलिटीज और फार्मा कंपनियों में निवेश के मौके, आईटी कंपनियों से रहें सतर्क

निवेश के नजरिए से बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, इंफ्रा, यूटिलिटीज और फार्मा कंपनियां अच्छी नजर आ रही हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज का 26 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली पूनम का कहना है कि दिग्गज आईटी कंपनियों के मैनेजमेंट की हाल की कमेंट्री से संकेत मिलता है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में आईटी कंपनियों के ग्राहकों के सेंटीमेंट में कमजोरी बनी हुई है

अपडेटेड Apr 29, 2023 पर 12:29 PM
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अमेरिका में ब्याज दरों की बढ़तोरी के चलते बैंकिंग संकट और मंदी की संभावना गहरा रही है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि यूएस फेड अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र के पीक पर पहुंच चुका है

इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस (IndiaFirst Life Insurance) की चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर पूनम टंडन (Poonam Tandon) से मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कहा है कि पिछले कुछ महीनों से आईटी सेक्टर तमाम चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका में हाल में बैंकिंग संकट के कारण स्थितियां बिगड़ी हैं। इसके अलावा यूरोप के भी तमाम बड़े देश मंदी की आशंका के दौर से गुजर रहे हैं। जिसके चलते आईटी सेक्टर पर लगातार दबाव बना हुआ है। पूनम टंडन को मानना है कि ये माइक्रो चुनौतियां अभी कुछ और समय तक बनी रह सकती हैं। उनका कहना है कि इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस, पूरे आईटी सेक्टर के लिए नियर टर्म के नजरिए से सतर्कता बनाए रखने के पक्ष में है। आईटी सेक्टर का वैल्यूएशन तमाम करेक्शन के बावजूद अभी भी अच्छा नजर नहीं आ रहा है।

आईटी कंपनियों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि निवेश के नजरिए से बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, इंफ्रा, यूटिलिटीज और फार्मा कंपनियां अच्छी नजर आ रही हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज का 26 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली पूनम का कहना है कि दिग्गज आईटी कंपनियों के मैनेजमेंट की हाल की कमेंट्री से संकेत मिलता है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में आईटी कंपनियों के ग्राहकों के सेंटीमेंट में कमजोरी बनी हुई है। विदेशी कंपनियां आईटी पर होने वाले गैर जरूरी खर्च को या तो खत्म कर रही हैं या फिर उनको टाल रही हैं। ऐसे में आईटी कंपनियों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।


बैंकिंग,कैपिलटल गुड्स और इंफ्रा शेयर लग रहे अच्छे

बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मजबूत क्रेडिट ग्रोथ और एसेट क्वालिटी में सुधार से बैंकिंग सेक्टर में आगे तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलावा ऑर्डर बुक और बैलेंस सीट में मजबूती को देखते हुए लगता है कि आगे कैपिलटल गुड्स और इंफ्रा शेयरों की री-रेटिंग होती नजर आएगी।

यूएस फेड अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र के पीक पर

यूएस फेड की मौद्रिक नीतियों पर बात करते हुए पूनम ने कहा कि मई में यूएस फेड अपनी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। अमेरिका में मंहगाई दर ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। ऐसे में जल्दी दरों में कटौती की संभावना नहीं है। लेकिन यह भी सही है कि अमेरिका में ब्याज दरों की बढ़तोरी के चलते बैंकिंग संकट और मंदी की संभावना गहरा रही है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि यूएस फेड अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र के पीक पर पहुंच चुका है।

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रियलिटी सेक्टर इस समय अच्छी स्थिति में

रियलिटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इनवेंटरी लेवल और मांग की आपूर्ति की स्थिति को देखते हुए रियलिटी सेक्टर इस समय अच्छी स्थिति में नजर आ रहा है। लेकिन महंगे वैल्यूएशन को देखते हुए इस सेक्टर में हमें चुनिंदा स्टॉक्स पर ही दांव लगाने की रणननीति अपनानी चाहए। रियलिटी सेक्टर की उन कंपनियों पर दांव लगाएं। जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। जिनकी लॉन्च पाइपलाइन मजबूत है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रीमियम और लग्जरी रेसिडेंशियल में मजबूती बनी हुई है। जो कि रियल एस्टेट सेक्टर की ऑर्गनाइज्ड कंपनियों के लिए अच्छे संकेत हैं।

 

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