अगस्त में रिटेल महंगाई एक बार फिर 7 फीसदी पर आ गई है। ये जुलाई में 6.71 फीसदी पर थी। बढ़ती महंगाई को देखते हुए लगता है कि आरबीआई सितंबर में होने वाली अपने नीति बैठक में रेपो रेट में 0.45- 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। ये बातें Ladderup Wealth Management के मैनेजिंग डायरेक्टर राघवेंद्र नाथ (Raghvendra Nath) ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि निजी कंपनियों की तरफ से क्षमता विस्तार पर होने वाले निवेश में तेजी आने के साथ ही इस वित्त वर्ष के अंत तक लोन ग्रोथ में अच्छी तेजी आने की संभावना है।
राघवेंद्र नाथ का यह भी कहना है कि बैंकों की लोअर ग्रोथ और एनपीए की समस्या अब बीते दिनों की बात हो गई है। बैंकिंग सेक्टर के लिए सबसे बुरे दिन बीत चुके हैं ऐसे अब आगे यह सेक्टर हमें जोरदार प्रदर्शन करता दिखेगा। बैंकिंग सेक्टर पर राघवेंद्र नाथ सुपर बुलिश हैं। उनका कहना है कि आगे हमें बैंकों के कारोबार में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगी। बैंकिंग सेक्टर को इकोनॉमी में आ रही रिकवरी, कैपेक्स साइकिल में आने वाली तेजी और रिटेल क्रेडिट पर होने वाली बढ़त का फायदा मिलेगा। इनका यह भी मानना है कि निवेश के लिए मध्यम अवधि के नजरिए से भारतीय बाजार काफी आर्कषक नजर आ रहे हैं।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन की लड़ाई के चलते अमेरिका और यूके पर ज्यादा असर देखने को मिला है। वहीं भारत दुनिया भर में व्याप्त अनिश्चितताओं से काफी हद तक सुरक्षित या फिर कहें न्यूट्रल स्थिति में है। घरेलू सप्लाई को सुचारु बनाए रखने के लिए भारत सरकार ने पहले से ही तैयारी कर ली है । सरकार की तरफ से गेहूं, आटा, चावल, मैदा के निर्यात पर प्रतिबद्ध लगा दिया गया है जिससे की देश में महंगाई पर लगाम लगाया जा सके। ऐसे में भारत निवेश के नजरिए से तुलनात्मक रूप से ज्यादा अच्छा नजर आ रहा है।
भारत में विदेशी निवेश से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए राघवेंद्र नाथ ने कहा कि वित्त वर्ष 2001 से लेकर वित्त वर्ष 2022 तक भारत में FDI इन्वेस्टमेंट में 20 गुने का उछाल देखने को मिला है। भारत का ल़ॉन्ग टर्म आउटलुक काफी अच्छा। जिसकी वजह से यह विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा बाजार बना हुआ है। आगे भी हमें भारत में विदेशी पैसे का अच्छा फ्लो देखने को मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि निवेश के नजरिए से आईटी, फाइनेंस, एफएमसीजी, फार्मा, टेलीकॉम और ऑटो सेक्टर में काफी संभावना नजर आ रही है। FDI पॉलिसी के तहत सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग, इंश्योरेंस, डिफेंस, फाइनेंशियल सर्विसेज , टेलीकॉम, फार्मा, कंस्ट्रक्शन, रिटेल ट्रेडिंग, ई-कॉर्मस और सिविल एविशन जैसे सेक्टर में तमाम सुधार किए हैं जिसका फायदा भी मिल रहा है।
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