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Daily Voice: तमोहरा के CIO को बाजार के कमजोर आउटलुक के बीच इन शेयरों में दिख रहे हैं कमाई के मौके

Daily Voice: शीतल मालपानी ने कहा कि अर्निंग्स की संभावनाओं को देखते हुए यह लगता है कि निफ्टी ज23,000 से 26,000 के स्तर के बीच ज्यादा समय बिताएगा। शीतल मालपानी तमोहरा में मुख्य निवेश अधिकारी और इक्विटी हेड हैं

अपडेटेड Dec 29, 2024 पर 3:35 PM
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शीतल मालपानी का कहना है कि चूंकि पूंजीगत व्यय इस साल अभी तक ट्रेंड लाइन से नीचे है,इसलिए उम्मीद है कि पूंजीगत व्यय में अब तेजी आएगी

खपत से जुड़े शेयरों पर बात करते हुए तमोहरा के मुख्य निवेश अधिकारी और इक्विटी हेड शीतल मालपानी ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हम अभी तक आक्रामक तरीके से निवेश करने के मूड में नहीं हैं,क्योंकि लिस्टेड कंपनियों के साथ हुई बातचीत से इनमें किसी बड़े सुधार के संकेत नहीं मिल रहे हैं।"

हालांकि,उनके मुताबिक गैर जरूरी या शौकिया खर्च जुडें शेयर (रियल एस्टेट,लक्जरी कारें, यात्रा या मनोरंजन) निवेश करने के लिए अच्छे नजर आ रहे हैं। बाजार के बारे में उनका मानना ​​है कि अर्निंग्स की संभावनाओं को देखते हुए यह लगता है कि निफ्टी ज23,000 से 26,000 के स्तर के बीच ज्यादा समय बिताएगा। भारतीय पूंजी बाजारों में 14 से अधिक सालों का अनुभव रखने वाले मालपानी ने कहा,"नए कमर्शियल पेपर की सप्लाई में बढ़त हुई है,जो मुनाफे में तेजी आने तक बाजार के वैल्यूशन को नियंत्रण में रखेगा।"

क्या आप उपभोग सेक्टर में उतरने से पहले कुछ और महीनों तक इंतजार करना चाहते हैं? इसके जवाब में शीतल मालपानी ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उपभोग के किस सेगमेंट पर नजर रख रहे हैं। पिछले 5 सालों में भारतीय उपभोक्ता उपभोग की टोकरी में बहुत बदलाव आया है, खासकर कोविड के बाद। टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन में विकास के साथ तेजी ग्रोथ हुई है। नए ब्रांड और कटेगरी पारंपरिक कटेगरी और ब्रांड को पीछे छोड़ रहे हैं।


गैर जरूरी और शौकिया खर्च (Discretionary consumption) वाला सेगमेंट एक ऐसा सेगमेंट है जिसमें निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं। इनमें रियल एस्टेट,लक्जरी कार, यात्रा और मनोरंजन से जुड़ें शेयर शामिल है। हालांकि उपभोग पिरामिड का निचला छोर संघर्ष कर कर रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि इसके बावजूद वे अभी इन शेयरों में पैसा लगाने में आक्रामक नहीं हैं क्योंकि सूचीबद्ध कंपनियों के साथ हुई बातचीत से अभी किसी महत्वपूर्ण सुधार के संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं।

बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही साल का आखिरी कारोबारी समय होता है। इस समय सरकार प्रोजेक्ट पूरा करने पर जोर देती है। चूंकि पूंजीगत व्यय इस साल अभी तक ट्रेंड लाइन से नीचे है, इसलिए उम्मीद है कि पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी। कुछ परियोजनाओं और निविदाओं की हाल में हुई घोषणाएं भी इसी बात की पुष्टि करती हैं। अगले बजट (1 फरवरी को) में सरकार पूंजीगत व्यय के लिए कितना प्रावधान करती है, इस पर सबका फोकस होगा। क्योंकि यह आबंटन आगे रेलवे, डिफेंस और हाइवे जैसे इंफ्रा सेक्टर सो जुड़े शेयरों की दिशा तय करेगा।

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उन्होंने बताया कि इन सेक्टरों (रेलवे, डिफेंस और हाइवे जैसे इंफ्रा सेक्टर) में उनका पहले से कुछ निवेश है लेकिन इनमें कोई नया निवेश नहीं किया गया है। अगले 2 महीनों में इनसे जुड़ी खबरों पर नजर रखने की जरूत है क्योंकि वैल्यूएशन अभी भी थोड़ा अच्छा है। इन सेक्टरों में अगले 3-4 सालों में 18-20 फीसदी से अधिक की ग्रोथ की संभावना को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वैल्यूएशन पर इनमें खरीदारी को सही कहा जा सकता है।

 

 

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