Daily Voice: कैपेक्स थीम को मिड, स्मॉल-कैप के जरिये से खेलना पसंद करता है यह फंड मैनेजर, जानें उनके पसंदीदा स्टॉक्स
JM Financial Asset Management के असित भंडारकर ने कहा कि फ्रंटलाइन कैपिटल गुड्स प्लेयर्स अब सस्ते नहीं हैं। वे अब मिड और स्मॉल-कैप कैटेगरी के जरिए कैपेक्स थीम खेलना पसंद करते हैं क्योकि इसका रिस्क रिवॉर्ड बेहतर है। भंडारकर ने कहा कि मई ऑटो बिक्री के आंकड़े एक सुखद आश्चर्य के रूप में आये हैं
असित भंडारकर का कहना है कि निजी निवेश में बढ़ोत्तरी और सरकार के नीतिगत सपोर्ट के कारण FY26 तक भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य यथार्थवादी नजर आ रहा है
जेएम फाइनेंशियल एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर-इक्विटी असित भंडारकर (Asit Bhandarkar, Senior Fund Manager-Equity, JM Financial Asset Management) का कहना है कि फ्रंटलाइन कैपिटल गुड्स प्लेयर्स अब सस्ते नहीं हैं। वह बेहतर रिस्क रिवॉर्ड के कारण मिड और स्मॉल-कैप कैटेगरी के जरिए कैपेक्स थीम खेलना पसंद करते हैं। भंडारकर के पास इक्विटी रिसर्च और फंड मैनेजमेंट में दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने कहा कि मई ऑटो बिक्री के आंकड़े एक सुखद आश्चर्य के रूप में आये हैं। खासकर दोपहिया वाहनों के आंकड़े जो ग्रामीण रिकवरी के संकेत हो सकते हैं। फंड मैनेजर को उम्मीद है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्विमासिक नीति समीक्षा की अगले हफ्ते होने वाली बैठक में पॉलिसी रुख को "तटस्थ" बनाये रख सकता है। भंडारकर ने मनीकंट्रोल बाजार पर विस्तार से बात की। पेश है इसके संपादित प्रमुख अंशः
क्या आप उम्मीद करते हैं कि FY23 के लिए उम्मीद से बेहतर नतीजों के बाद आर्थिक विकास वित्त वर्ष 2024 के लिए आरबीआई के पूर्वानुमान से ऊपर होगा?
भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 23 की वृद्धि ने बाजारों को सुखद रूप से आश्चर्यचकित कर दिया। इसकी वजह ये रही कि आर्थिक गतिविधि, विशेष रूप से सर्विस सेक्टर में, भौतिक रूप से सुधार हुआ। सरकार और आरबीआई के बीच फिस्कल-मोनेटरी कॉर्डिनेशन ने मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन हासिल करने की कोशिश की है।
FY26 तक भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निजी निवेश में वृद्धि के साथ-साथ सरकार के नीतिगत समर्थन के कारण यथार्थवादी दिख रहा है। हम वित्त वर्ष 24 में आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा जीडीपी की संभावना के बारे में आशावादी बने हुए हैं।
क्या आपको लगता है कि किसी को कैपेक्स प्ले के एक्सपोजर में वृद्धि जारी रखनी चाहिए? क्या कैपेक्स प्ले का अब वैल्युएशन ज्यादा हो गया है?
उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन कैप के अच्छे खिलाड़ी अब सस्ते नहीं हैं। लेकिन कॉर्पोरेट कैपेक्स की वापसी से नये अवसर मौजूद हैं। हम मिड और स्मॉल-कैप श्रेणी के जरिये से उसी थीम को खेलना पसंद करते हैं जहां वैल्यूएशन एक बेहतर रिस्क रिवार्ड पेश करता है।
क्या आपको अब भी भारतीय इक्विटी बाजारों में 10-15 प्रतिशत तेजी की उम्मीद है?
इसके जवाब में भंडारकर ने कहा कि कॉर्पोरेट नतीजों की रफ्तार उम्मीद से बेहतर रही है। FY24 में घटी हुई मुद्रास्फीति, मांग में सुधार और ब्याज दरों में स्थिरता की उम्मीदों के चलते आउटलुक मजबूत और अधिक आशावादी दिखाई दे रहा है।
हमारे बाजार 18 महीनों से अधिक समय से कंसोलिडेटेड हैं। अब इसका वैल्युएशन ज्यादा वाजिब हो गया है। हमारा प्रीमियम बनाम अन्य EMs (उभरते बाजार) औसत रूप से सामान्य हो गया है।
हमारे विचार से यहां कमाई में वृद्धि के लिए बाजार के लिए मंच तैयार किया जा सकता है। ब्लूमबर्ग कंसेंसस अर्निंग्स के अनुमानों से आय में डबल डिजिटि वृद्धि की बाजार की उम्मीदों का संकेत मिल रहा है। भारत और अन्य विकसित देशों में चुनाव के साथ-साथ खराब मानसून जोखिम कारक हो सकते हैं। इन दोनों कारको में वोलैटिलिटी पैदा करने की क्षमता होती है।
आपका पसंदीदा दांव, विशेष रूप से FY23 और तिमाही नतीजों के बाद?
हम कॉर्पोरेट भारत में FY24 में ग्रोथ का व्यापक आधार देख रहे हैं और इसलिए हम मिडकैप सेगमेंट पर अपना फोकस बढ़ा रहे हैं। ईंधन और बिजली की खपत, कैपासिटी युटिलाइजेशन, ई-वे बिल और जीएसटी कलेक्शन जैसे कई प्रमुख संकेतक स्पष्ट रूप से मजबूत एक्टिविटी लेवव्स का संकेत दे रहे हैं।
कमोडिटी उपभोक्ता होने के नाते भारत को इसकी कीमतों में कमी होने का फायदा मिलेगा। इसलिए फाइनेंस के अलावा, हम ऑटो, इंडस्ट्रियल, ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्टर्स जैसे सेक्टर्स में संभावना है। इन सेक्टर्स के शेयर खरीदना चाहिए।
हम बॉटम-अप वैल्यूएशन और कम वोलैटिलिटी वाले वाले शेयरों पर फोकस करते हुए बेहतर रिस्क रिवार्ड वाले शेयरों के जरिये अपने निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करते हैं।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)