आगे फार्मा सेक्टर को डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी का फायदा मिलता नजर आएगा। रुपये की कमजोरी के चलते फार्मा कंपनियों की एक्सपोर्ट से होने वाली कमाई बढ़ेगी। इसके अलावा घरेलू बाजार में नए प्रोडक्ट लॉन्च और अमेरिका में ब्रांडेड जेनरिक की बढ़ती बिक्री से भी फार्मा कंपनियों को फायदा होगा। ये बातें प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher) के विक्रम कसाट (Vikram Kasat) ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं।
बताते चलें कि विक्रम कसाट को कैपिटल मार्केट का 13 साल से ज्यादा का अनुभव है। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजों का मौसम शुरू होने वाला है। ऐसे में आगे हमें कंपनी के मार्जिन में अच्छी रिकवरी दिखने की उम्मीद है। दूसरी तिमाही में कंपनी के वॉल्यूम और नए क्षमता विस्तार के मोर्चे से भी अच्छी खबरें आएंगी।
विक्रम कसाट का कहना है कि भारत ने बढ़ती महंगाई से बहुत अच्छी तरह से निपटा है। मानसून भी अच्छा रहा है इसके अलावा फेस्टिव सीजन भी अच्छा रहने की संभावना है। इससे आगे हमें इक्विटी मार्केट से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारतीय बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि चुनौतियों से भरे ग्लोबल माहौल में भारत चमकते सितारे के रूप में उभरा है। देश में इकोनॉमिक गतिविधियों में सुधार के साथ ही घरेलू क्रेडिट डिमांड में बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसके चलते आगे बैंकिंग सेक्टर में अच्छी तेजी की उम्मीद है।
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के बाद आईटी सेक्टर में अच्छी रैली देखने को मिली। लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान इस सेक्टर में भारी गिरावट देखने को मिली है। आम तौर पर भी जब भी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तब आईटी और फार्मा जैसे सेक्टर तेजी में रहते हैं। इसकी वजह यह है कि ये दोनों सेक्टर एक्सपोर्ट आधारित हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से इनकी एक्सपोर्ट से होने वाली आय बढ़ती है।
बाजार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय निफ्टी 16700-17400 के बीच कंसोलिडेटेड हो रहा है। हमने बढ़ती महंगाई का सामना काफी अच्छी तरीके से किया है। इसके अलावा मानसून और फेस्टिव सीजन भी अच्छा रहा है। ऐसे में आगे बाजार से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। लेकिन बाजार में दांव लगाते समय हमें सेक्टर और स्टॉक स्पेसिफिक नजरिया अपनाना चाहिए।
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