Defence Mutual Funds: पिछले कुछ महीने के दौरान डिफेंस सेक्टर के शेयरों का प्रदर्शन काफी दमदार रहा है। इस सेक्टर पर केंद्रित म्यूचुअल फंड ने भी बीते तीन महीनों में शानदार रिटर्न दिया है। इस दौरान डिफेंस कैटेगरी की छह स्कीमों ने औसतन 57.70% का रिटर्न दिया है। इनमें से तीन स्कीमें 60% से ज्यादा का रिटर्न दे चुकी हैं।
डिफेंस सेक्टर तेजी की वजह क्या हैं?
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि यह तेजी कई वजहों से आई है। जैसे कि मजबूत तिमाही नतीजे, सरकारी समर्थन, और FY25 के रक्षा बजट में 1.72 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत आवंटन। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान तनाव जैसे भू-राजनीतिक कारणों ने भी निवेशकों का ध्यान डिफेंस सेक्टर की ओर खींचा।
Scripbox के फाउंडर और CEO अतुल सिंघल ने कहा, “डिफेंस इंडेक्स फंड्स में शामिल प्रमुख कंपनियों ने बेहतरीन अर्निंग्स ग्रोथ दिखाई है। देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की पॉलिसी और एक्सपोर्ट में 12% की सालाना बढ़ोतरी से सेक्टर में भरोसा बढ़ा है।”
6 महीने का प्रदर्शन भी दमदार
अब निवेश करना चाहिए या नहीं?
भले ही रिटर्न लुभावने दिखें, लेकिन एक्सपर्ट सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। Motilal Oswal Nifty India Defence Index का P/E रेशियो 61.35x और P/B रेशियो13.22x पर ट्रेड कर रहा है। यह मार्केट औसत से काफी ऊपर है।
सिंघल के मुताबिक, "इसका Sharpe Ratio निगेटिव (-0.07) है, यानी जोखिम के हिसाब से रिटर्न ज्यादा प्रभावशाली नहीं हैं। साथ ही, इंडेक्स का 77.5% हिस्सा मिड और स्मॉलकैप स्टॉक्स में है, जिससे यह जोखिम के समय में कमजोर हो सकता है।"
निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
सिंघल का कहना है कि अब निवेशक डिफेंस सेक्टर से जुड़े म्यूचुअल फंड में कुछ खास रणनीति अपना सकते हैं:
अनुभवी निवेशकों के लिए थीमैटिक ऑप्शन
एक अन्य मार्केट एक्सपर्ट शेयरडॉटमार्केट के हेड (इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स) नीलेश डी नाइक का कहना है कि इस तरह के थीमैटिक फंड्स उन्हीं निवेशकों के लिए हैं, जिनका कोर पोर्टफोलियो पहले से मजबूत है। उन्होंने बताया, “कई डिफेंस स्टॉक्स ऑल-टाइम हाई के पास ट्रेड कर रहे हैं। लॉन्ग टर्म नजरिए से चीजें पॉजिचिव हैं, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन को देखते हुए एंट्री में सावधानी जरूरी है।”
डिफेंस सेक्टर का आउटलुक कैसा है?
डिफेंस सेक्टर में लंबी अवधि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन हालिया तेजी ने वैल्यूएशन को काफी अधिक कर दिया है। ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह है कि मुनाफा बुक करें, एक्सपोजर सीमित रखें और कोई बड़ी गिरावट आने पर ही दोबारा निवेश पर विचार करें। हमेशा की तरह निवेश आपकी जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक ही होना चाहिए।
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