Defence Stocks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने यूक्रेन की अपनी खोई हुई जमीन को वापस हासिल करने की सपोर्ट किया तो यूरोप के साथ-साथ भारत में भी डिफेंस स्टॉक्स रॉकेट बन गए। ट्रंप के सपोर्ट पर यूरोपीय मार्केट में डिफेंस कंपनियों के शेयर उछल पड़े और इसके बाद जब भारतीय स्टॉक मार्केट खुला तो यहां भी डिफेंस कंपनियों के शेयर 3% तक उछल गए। इसके चलते डिफेंस कंपनियों के निफ्टी इंडेक्स निफ्टी डिफेंस (Nifty Defence) की तीन दिनों की गिरावट खत्म हो गई और आज यह 1.6% उछल गया। इससे पहले लगातार तीन कारोबारी दिनों में यह 2.86% कमजोर हुआ था। निफ्टी डिफेंस के 18 में से 13 स्टॉक्स आज ग्रीन जोन में हैं।
यूक्रेन पर ट्रंप के बदले रुझान ने डिफेंस शेयरों को रॉकेट बना दिया। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। वहां ट्रंप ने कहा कि यूरोप और नाटो के सपोर्ट से यूक्रेन अपनी खोई हुई जमीन पर फिर से कब्जा कर सकता है। इसके चलते यूरोप की डिफेंस कंपनियों के शेयर उछल पड़े। चूंकि देश की कई डिफेंस कंपनियों की यूरोप की डिफेंस कंपनियों के साथ सप्लाई पार्टनरशिप है तो यूरोप में हथियारों की खरीदारी से इन्हें भी फायदा मिलेगा।
और किन वजहों से उछले डिफेंस शेयर?
निफ्टी डिफेंस इंडेक्स की तेजी को कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) की तेजी से सपोर्ट मिला है। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) भी उछल पड़े। एचएएल की बात करें तो लगातार दिनों की गिरावट के बाद आज 1% से अधिक उछल पड़े। एचएएल को एक और वजह से सपोर्ट मिला। सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय एचएएल के साथ करीब ₹67,000 करोड़ के 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर आगे बढ़ रही है जिसके चलते इसके शेयर उछल पड़े।
इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने देश की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री को ट्रैक पर लाने के लिए ₹69,725 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी जिसके चलते शिपिंग शेयर रॉकेट बन गए। इस सपोर्ट पर शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक और जीआरएसई के शेयरों में 4% तक की तेजी आई। पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने ₹24,736 करोड़ के फंड के साथ जहाज बनाने को लेकर वित्तीय मदद वाली योजना को 31 मार्च, 2036 तक बढ़ा दिया। इसका लक्ष्य विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम करना और देश की समुद्री क्षमताओं को मजबूत करना है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।