ICRA on Defense Sector : जिस तरह से जियोपॉलिटिकल हालात बने हुए हैं, उसमें डिफेंस की थीम अभी भी हॉट नजर आ रही है। डिफेंस सेक्टर पर ICRA का आउटलुक पॉजिटिव है। ICRA के मुताबिक सेक्टर में ग्रोथ के कई ट्रिगर मौजूद हैं। हालांकि, लगातार दम दिखा रहे डिफेंस शेयरों में आज तगड़ी मुनाफासूली हुई है। डिफेंस इंडेक्स आज करीब 2 फीसदी टूटा है। HAL, कोचीन शिपयार्ड, गार्डन रीच और BDL 3-3 फीसदी तक टूटे हैं। लेकिन आज की मुनाफावसूली के बाजूद डिफेंस सेक्टर पर ICRA का पॉजिटिव आउटलुक कायम है।
डिफेंस सेक्टर पर ICRA ने पॉजिटिव आउटलुक जाहिर करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2026 में इस सेक्टर में 15–17 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ संभव है। डिफेंस कंपनियों का ऑर्डर बुक काफी मजबूत है। वित्त वर्ष 2025 तक इनका OB/OI रेश्यो 4.4 गुना रहा है। वित्त वर्ष 2026 में डिफेंस कंपनियों की ऑपरेटिंग मार्जिन 25–27 फीसदी रहनी संभव है।
ICRA का कहना है कि डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर भारत और FDI में छूट जैसी पॉलिसी से बूस्ट मिलेगा। सरकार का घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर जोर है। 5 साल से सरकारी कैपेक्स में सालाना 8.29 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2026 में 1.92 लाख करोड़ रुपए का सरकारी कैपेक्स हुआ है।
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि वित्त वर्ष 2017 के मुकाबले वित्त वर्ष 205 में डिफेंस एक्सपोर्ट 15 गुना बढ़ा है। डिफेंस एक्सपोर्ट में सालाना 41 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है। रक्षा खरीद में घरेलू हिस्सा वित्त वर्ष 2017 में 61 फीसदी था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 75 फीसदी पर पहुंच गया।
डिफेंस सेक्टर की तस्वीर : ICRA
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लैंड और ICT आधारित सिस्टम में प्राइवेट सेक्टर आगे है। वहीं, नौसेना, एयरोस्पेस और सैन्य उपकरण में सरकारी कंपनियों का दबदबा है। देश के डिफेंस सेक्टर के पास पर्याप्त पूंजी मौजूद है। इस सेक्टर की कंपनियों को वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए कर्ज की जरुरत नहीं है। निजी कंपनियां QIP/प्रेफ्रेंशियल इश्यू के जरिए पैसा जुटा रही हैं।
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