Sovereign Gold Bond: इस सीरीज के लिए RBI ने प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस का किया ऐलान, निवेशकों को मिला 166% का बंपर रिटर्न

Sovereign Gold Bond: RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 सीरीज-I की समय से पहले भुनाने की कीमत का ऐलान कर दिया है। इस पर निवेशकों को लगभग 166% का तगड़ा रिटर्न मिला है। जानिए रिडेम्प्शन प्राइस समेत पूरी डिटेल।

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 5:56 PM
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RBI ने बताया कि SGB 2020-21 सीरीज-I का रिडेम्प्शन प्राइस 12,198 रुपये प्रति यूनिट रहेगा। य

Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2020-21 सीरीज-I की समय से पहले रिडेम्प्शन (भुनाने) की कीमत का ऐलान किया है। RBI के मुताबिक, निवेशक इस गोल्ड बॉन्ड को 28 अक्टूबर 2025 से समय से पहले रिडीम कर सकते हैं।

केंद्रीय बैंक ने बताया कि जब कोई SGB जारी होता है, तो उसकी कुल अवधि 8 साल की होती है। लेकिन निवेशक चाहें तो 5 साल पूरे होने के बाद उस बॉन्ड को ब्याज मिलने वाली तारीख पर ही बीच में भुना (redeem) सकते हैं। यह तारीख आमतौर पर 5 साल बाद हर 6 महीने में आती है।

12,198 रुपये प्रति यूनिट रिडेम्प्शन प्राइस


RBI ने बताया कि SGB 2020-21 सीरीज-I का रिडेम्प्शन प्राइस 12,198 रुपये प्रति यूनिट रहेगा। यह कीमत इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के डेटा पर आधारित है। इसमें 22 कैरेट सोने के औसत बंद भाव को तीन कारोबारी दिनों के आधार पर निकाला गया है- 23, 24 और 27 अक्टूबर 2025।

निवेशकों को मिला शानदार रिटर्न

जब यह सीरीज लॉन्च हुई थी, तब ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों ने 4,589 रुपये प्रति ग्राम की दर से बॉन्ड खरीदे थे। वहीं, ऑफलाइन खरीदारों के लिए कीमत 4,639 रुपये प्रति ग्राम थी।

मौजूदा रिडेम्प्शन वैल्यू के हिसाब से, ऑनलाइन निवेशकों को करीब 166% का एब्सोल्यूट रिटर्न मिल रहा है। रुपये के हिसाब से यह लाभ 7,609 रुपये प्रति ग्राम (12,198 - 4,589) बनता है। इसमें सालाना ब्याज की कमाई शामिल नहीं है, जो निवेशकों को हर साल 2.5% की दर से मिलती रही।

Sovereign Gold Bond (1)

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम नवंबर 2015 में सरकार द्वारा शुरू की गई थी, ताकि लोग फिजिकल गोल्ड की बजाय इस वैकल्पिक निवेश में पैसा लगाएं। इन बॉन्ड को भारत सरकार की तरफ से RBI जारी करता था। इन बॉन्ड्स में निवेशक को दोहरा फायदा मिलता है।

फिक्स्ड ब्याज: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर सरकार हर साल 2.5% का तय ब्याज देती है। यह ब्याज निवेशक को उस कीमत पर मिलता है जिस पर उसने बॉन्ड खरीदा था (यानी इश्यू प्राइस)। यह रकम हर छह महीने में ब्याज के रूप में खाते में आती है।

पूंजीगत लाभ: अगर सोने की कीमत बॉन्ड की अवधि में बढ़ती है, तो निवेशक को उसी के अनुपात में फायदा होता है। यानी जब बॉन्ड मैच्योर या रिडीम होता है, तो उसे सोने के बढ़े हुए भाव के हिसाब से रिटर्न मिलता है।

इस स्कीम का मकसद देश में सोने के आयात पर निर्भरता कम करना, जमाखोरी पर रोक लगाना और घरेलू बचत को वित्तीय निवेश में बदलना था।

Sovereign Gold Bond (2)

SGB बेचने का ऑप्शन

SGB की अवधि आठ साल की होती है, लेकिन निवेशक चाहें तो पांच साल बाद ब्याज भुगतान की तारीख पर इससे बाहर निकल सकते हैं। ये बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड भी किए जा सकते हैं। साथ ही, किसी और को ट्रांसफर किए जा सकते हैं या लोन के लिए गिरवी रखे जा सकते हैं।

SGB में टैक्स ट्रीटमेंट

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत इन बॉन्ड्स पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। हालांकि, जब कोई निवेशक इन बॉन्ड्स को रिडीम करता है, तो उसे कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ता। वहीं, अगर बॉन्ड को एक्सचेंज पर बेचा जाता है, तो उस पर इंडेक्सेशन बेनिफिट का लाभ लिया जा सकता है।

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