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IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने के लिए आरबीआई की जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में: DIPAM सेक्रेटरी

सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में ही आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने का प्लान बनाया था। यह पिछले वित्त वर्ष के लिए 51,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का हिस्सा था। इस वित्त वर्ष में इस बैंक में सरकार और एलआईसी के हिस्सेदारी बेचने का प्लान पूरा हो जाने की उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 24, 2024 पर 2:22 PM
IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने के लिए आरबीआई की जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में: DIPAM सेक्रेटरी
24 जुलाई को आईडीबीआई बैंक के शेयरों में तेजी देखने को मिली। दोपहर करीब 2 बजे शेयर का प्राइस 10.90 फीसदी चढ़कर 95.70 रुपये पर चल रहा था।

आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री के मामले में अहम जानकारी सामने आई है। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने मनीकंट्रोल को बताया है कि आईडीबीआई बैंक के संभावित बिडर्स की जांच आरबीआई कर रहा है, जो अंतिम चरण में है। आईडीबीआई बैंक में अभी केंद्र सरकार की 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार और एलआईसी दोनों मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.7 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं।

शेयर 11 फीसदी उछला

24 जुलाई को आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के शेयरों में तेजी देखने को मिली। दोपहर करीब 2 बजे शेयर का प्राइस 10.90 फीसदी चढ़कर 95.70 रुपये पर चल रहा था। बीते एक साल में यह शेयर 64 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है, जबकि इस साल यह 41 फीसदी चढ़ चुका है। पांडेय ने मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में 23 जुलाई को कहा कि बिडर्स की जांच में थोड़ा समय लग रहा है। इसके बाद ड्यू डिलिजेंस होगा। आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए आरबीआई का एप्रूवल जरूरी है। केंद्रीय बैंक संभावित बिडर्स की जांच के बाद अपना एप्रूवल देगा।

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