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Diwali special : टैरिफ का मामला सुलझने की उम्मीद, ये दिवाली बड़ी उम्मीदों वाली - एक्सपर्ट्स

Diwali tips : Abakkus Asset Manager LLP के फाउंडर सुनील सिंघानियां ने कहा कि पिछले 15 महीने बाजार लिए खराब रहे हैं। सरकार और RBI दोनों का फोकस ग्रोथ बढ़ाने पर है। ट्रेड डील को छोड़कर बाकी चीजें सुधरी हैं। बाजार में नई तेजी के लिए या तो शेयर सस्ते हों या ग्रोथ लौटे। दूसरी छमाही में ग्रोथ लौटी तो बाजार में हालात सुधरेंगे

अपडेटेड Oct 14, 2025 पर 12:21 PM
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MK वेंचर्स के फाउंडर मधु केला ने कहा कि बाकी बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों ने कम रिटर्न बने हैं। अब आने वाला समय भारतीय बाजारों के लिए अच्छा होगा

Diwali special : दिवाली के मौके पर हमारे साथ है मार्केट के दो सबसे खास चेहरे । ये दोनों अपने मार्केट इंटेलिजेंस के लिए जाने जाते हैं। मल्टीबैगर ढूंढने का इनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है। ये हैं MK वेंचर्स के फाउंडर मधु केला और Abakkus Asset Manager LLP के फाउंडर सुनील सिंघानिया। वैसे मार्केट ने पिछले 14-15 महीनों से कुछ खास नहीं किया है। लेकिन आगे के संकेत काफी अच्छे नजर आ रहे हैं। महंगाई 8 साल के निचले स्तरों पर है। GST जैसा बड़ा रिफॉर्म डिमांड इकोनॉमी में नया जोश फूंक सकता है। वैल्युएशन कंफर्ट,इमर्जिंग मार्केट की तुलना में कम रैली, FIIs की वापसी जैसे फैक्टर अब बाजार में तेजी ला सकते हैं। टैरिफ मामला भी सुलझने की उम्मीदें है। यानी ये दिवाली बड़ी उम्मीदों वाली है।

 MK वेंचर्स के फाउंडर मधु केला की राय

ऐसे में बाजार के आगे के आउटलुक पर बात करते हुए MK वेंचर्स के फाउंडर मधु केला ने कहा कि बाकी बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों ने कम रिटर्न बने हैं। अब आने वाला समय भारतीय बाजारों के लिए अच्छा होगा। FIIs की खरीदारी जल्द लौटेगी। सोने-चांदी की तेजी टिकने वाली नहीं है। सोने-चांदी में नई खरीदारी नहीं करने की सलाह होगी। प्री-कोविड निचले स्तर से सोने का भाव 3 गुना हो गया है। देश में फील गुड फैक्टर हावी। पिछले 4-5 साल में लोगों का जोरदार पैसा बना है। सुजलॉन जैसे छोटे शेयरों में पब्लिक का पैसा बना है। छोटी में से कई कंपनियां आगे बड़ी होंगी।


Abakkus के फाउंडर सुनील सिंघानियां की राय

Abakkus Asset Manager LLP के फाउंडर सुनील सिंघानियां ने कहा कि पिछले 15 महीने बाजार लिए खराब रहे हैं। सरकार और RBI दोनों का फोकस ग्रोथ बढ़ाने पर है। ट्रेड डील को छोड़कर बाकी चीजें सुधरी हैं। बाजार में नई तेजी के लिए या तो शेयर सस्ते हों या ग्रोथ लौटे। दूसरी छमाही में ग्रोथ लौटी तो बाजार में हालात सुधरेंगे। सोने-चांदी की तेजी के फंडामेंटल कारण नहीं हैं। इक्विटी के मुकाबले सोने-चांदी में लोगों ने निवेश बढ़ाया है। मौजूदा भाव से सोने-चांदी को लेकर सतर्क रहें। इमर्जिंग देशों के मुकाबले भारत का वैल्युएशन दोगुना हो गया था। इसके चलते FIIs के लिए Sell India, Buy China रणनीति ने काम किया है।

उन्होंने आगे कहा कि FIIs की बिकवाली अब थोड़ी कम हुई है। FIIs की नजर ग्रोथ पर है। ग्रोथ आई तो खरीदारी भी लौटेगी। ऐसे में NBFC, एसेट, और वेल्थ मैनेजमेंट, एक्सचेंज और डिपॉजिटरी कंपनियों पर फोकस करें। मुनाफे में आई न्यू एज कंपनियों में भी निवेश के मौके खोजने चाहिए। न्यू एज कंपनियों को अब अनदेखा नहीं किया जा सकता। सुनील सिंघानियां मेटल शेयरों पर काफी बुलिश हैं। आईपीओ मार्केट पर बात करते हुए सुनील सिंघानिया ने कहा कि दूसरी इलेक्ट्रिक कंपनियों के मुकाबले LG ने वैल्युएशन सस्ते रखे हैं।

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