Vivo के साथ JV से स्मार्टफोन मार्केट में Dixon Tech की स्थिति और मजबूत होगी, क्या आप स्टॉक्स पर लगाएंगे दांव?

चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने का बड़ा फायदा डिक्शन टेक्नोलॉजीज को मिल सकता है। इंडियन स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में डिक्शन की पहले से स्थिति काफी मजबूत है। इस ज्वाइंट वेंचर से उसकी ताकत और बढ़ जाएगी

अपडेटेड Dec 17, 2024 पर 12:24 PM
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डिक्शन की ग्रोथ में स्मार्टफोन की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। कंपनी के पास 5 करोड़ स्मार्टफोन और 3 करोड़ फीचर फन बनाने की क्षमता है।
     
     
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    डिक्शन टेक्नोलॉजीज चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो इंडिया के साथ मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर बना रही है। यह ज्वाइंट वेंचर स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बनाएगा। वीवो इंडिया स्मार्टफोन बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी वीवो की सब्सिडियरी है। इस ज्वाइंट वेंचर में डिक्शन में 51 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि वीवो इंडिया की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी।

    डिक्शन की पहले से Xiaomi और Samsung के साथ पार्टनरशिप

    Dixon Technologies पहले से Xiaomi और Samsung की मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर है। यह दोनों इंडिया के दो सबसे बड़े मोबाइल ब्रांड्स हैं। डिक्शन के साथ वीवो की इस पार्टनरशिप से इंडिय मार्केट में उसकी स्थिति और मजबूत होगी। इंडियन स्मॉर्टफोन मार्केट्स में Vivo की पहले से करीब 16-17 फीसदी हिस्सेदारी है। इंडिया के स्मार्टफोन बाजार में मौकों की कमी नहीं है। इंडिया में हर साल करीब 15 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री होती है। ऐसे में 9-10 करोड़ यूनिट्स की आउटसोर्सिंग की अपॉर्चुनिटी है।


    कंपनी के पास 5 करोड़ स्मार्टफोन बनाने की क्षमता

    डिक्शन की ग्रोथ में स्मार्टफोन की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। कंपनी के पास 5 करोड़ स्मार्टफोन और 3 करोड़ फीचर फन बनाने की क्षमता है। मोबाइल फोन के अलावा डिक्शन आईटी हार्डवेयर और टेलीकॉम प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के भी मौके तलाश रही है। हाल में इसने Ismartu India का अधिग्रहण किया था। इसकी मोबाइल बिजनेस में 11.6 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे इंडियन मार्केट में डिक्शन की स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है। डिक्शन ने अगले 3-4 साल में साल दर साल आधार पर 35-40 फीसदी ग्रोथ का टारगेट रखा है।

    इंडियन मार्केट्स में चाइनीज ब्रांड्स की धाक

    डिक्शन की वीवो के साथ पार्टनरशिप से एक बड़ा सवाल पैदा होता है। क्या इंडिया और चीन के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल रही है? अगर इस सवाल का जवाब हां है तो क्या इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में भी इस तरह का इनवेस्टमेंट दिख सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग को लेकर इंडिया के बड़े प्लान में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस बार में यह बात ध्यान में रखनी होगी कि इंडियन मोबाइल फोन मार्केट्स में पहले से चीन के ब्रांड्स सबसे ताकतवर हैं। इनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 70-75 फीसदी है। इंडिया में सरकार की पॉलिसी को ध्यान में रख चीन की स्मार्टफोन कंपनियां इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर रही हैं।

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    बीते एक साल में शेयरों ने दिया 200 फीसदी रिटर्न

    17 दिसंबर को Dixon Technologies के शेयर 1.07 फीसदी चढ़कर 19,032 रुपये पर चल रहा था। बीते एक साल में यह स्टॉक 203 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। इसने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। कमजोर बाजार में भी इसमें तेजी देखने को मिली है।

    MoneyControl News

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    First Published: Dec 17, 2024 11:59 AM

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