इकोनॉमी की ग्रोथ सुस्त पड़ने की आशंका से रुपये में मंदी के सौदे 200% बढ़ें

डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले कुछ दिनों से दबाव में है। डिपॉजिटरी ट्रस्ट एंड क्लियरिंग कॉर्प के डेटा से पता चलता है कि डॉलर-रुपये में कॉल ट्रेडिंग का वॉल्यूम नॉन-डेलिवरएबल ऑप्शंस मार्केट में 2 दिसंबर को बढ़कर 1.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया

अपडेटेड Dec 03, 2024 पर 4:36 PM
Story continues below Advertisement
रुपया 3 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर 84.76 पर पहुंच गया।

इकोनॉमी की ग्रोथ सुस्त पड़ने के संकेतों के बाद ऑप्शन ट्रेडर्स ने मंदी के सौदे बढ़ाए हैं। इससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले कुछ दिनों से दबाव में है। डिपॉजिटरी ट्रस्ट एंड क्लियरिंग कॉर्प के डेटा से पता चलता है कि डॉलर-रुपये में कॉल ट्रेडिंग का वॉल्यूम नॉन-डेलिवरएबल ऑप्शंस मार्केट में 2 दिसंबर को बढ़कर 1.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 29 नवंबर को यह करीब 60 करोड़ डॉलर था।

गिरकर 86 तक जा सकता है रुपया

एक्सिस सिक्योरिटीज में रिसर्च हेड अक्षय चिंचलकर ने कहा, "रुपये (Rupee) से जुड़े मंदी के सौदे में काफी उछाल दिखा है। खासकर ज्यादातर स्ट्राइक करेंट स्पॉट से ऊपर के हैं।" रुपया 3 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर 84.76 पर पहुंच गया। इसके इस साल के अंत तक 86 के स्तर तक पहुंच जाने की आशंका है। इसका मतलब है कि इसमें कमजोरी बढ़ सकती है। MUFG Bank में सीनियर करेंसी एनालिस्ट माइकल वैन ने कहा कि इकोनॉमी की ग्रोथ सुस्त पड़ने से विदेशी निवेशकों का निवेश घटेगा, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ेगा।


यह भी पढ़ें: Index डेरिवेटिव्स के सेबी के नए नियमों का मार्केट्स पर कितना पड़ा है असर?

आरबीआई की पॉलिसी से पहले रुपये पर दबाव बढ़ा

रुपये में मंदी के सौदे बढ़ने से रुपी में डॉलर के मुकाबले वन-मंथ इंप्लायड वोलैटिलिटी बढ़ी है। यह 2 दिसंबर को बढ़कर 3.27 फीसदी पर पहुंच गया। यह 6 अगस्त के बाद सबसे ज्यादा है। 29 नवंबर को यह 2.55 फीसदी था। इससे पहले रुपया उन करेंसी में शामिल था, जिनमें डॉलर के मुकाबले सबसे कम उतारचढ़ाव देखने को मिला था। इसमें आरबीआई के हस्तक्षेप का बड़ा हाथ था। खास बात यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में यह कमजोरी आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी से पहले देखने को मिली है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।