Credit Cards

घरेलू निवेशकों ने दिखाया दम, पहली बार भारतीय बाजार में DIIs की होल्डिंग FIIs से ज्यादा हुई

एसीई इक्विटीज (ACE Equities) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2025 तिमाही तक, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के पास भारतीय इक्विटी का लगभग 16.91 फीसदी हिस्सा था,जो FIIs से थोड़ा ज्यादा है। भारतीय इक्विटी मार्केट में FIIs होल्डिंग घटकर लगभग 16.84 प्रतिशत रह गई है

अपडेटेड May 02, 2025 पर 11:59 AM
Story continues below Advertisement
घरेलू भागीदारी बढ़ने का यह चलन नया नहीं है। 2021 से ही शुद्ध निवेश के मामले में DII लगातार FII से आगे रहे हैं। 2021 में, DII ने 98,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था,जबकि FII ने 26,000 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा निवेश किया था

Markets : भारतीय बाजार में हुए ऐतिहासिक बदलाव में, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने पहली बार भारतीय इक्विटी बाजारों में होल्डिंग के मामले में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को पीछे छोड़ दिया है। यह बदलाव ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितताओं और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण FII द्वारा हुई लगातार बिकवाली के दौरान हुआ है।

एसीई इक्विटीज (ACE Equities) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2025 तिमाही तक, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के पास भारतीय इक्विटी का लगभग 16.91 फीसदी हिस्सा था,जो FIIs से थोड़ा ज्यादा है। भारतीय इक्विटी मार्केट में FIIs होल्डिंग घटकर लगभग 16.84 प्रतिशत रह गई है। ये पिछली 50 तिमाहियों का निचला स्तर है। रुपए में देखें तो इस समय भारतीय बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग लगभग 69.80 लाख करोड़ रुपये है, जबकि एफआईआई की होल्डिंग लगभग 69.58 लाख करोड़ रुपये है।

diis-overtake-fiis025


यह क्रॉसओवर सितंबर 2024 के अंत में शुरू हुई घरेलू खरीदारी की एक मजबूत लहर के बाद देखने को मिला है। इस अवधि के दौरान, DIIs ने 3.97 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जबकि FIIs ने NSE और NSDL के आंकड़ों के आधार पर 2.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की है।

असित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के रिसर्च हेड सिद्धार्थ भामरे ने इस बदलाव पर बात करते हुए कहा कि पिछले एक साल में एफआईआई लगातार नेट सेलर रहे हैं। जबकि म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए घरेलू रिटेल निवेशक बाजार में जोरदार निवेश करते दिखे है। हालांकि सिद्धार्थ भामरे को इस बदलाव से तत्काल बड़े असर की उम्मीद नहीं है। लेकिन उनका का मानना ​​है कि इससे बाजार में उतार-चढ़ाव कम हो सकता है। क्योंकि घरेलू संस्थातग निवेशकों द्वारा किया गया निवेश एफआईआई निवेश की तुलना में अधिक स्थिर प्रकृति का होता है।

घरेलू भागीदारी बढ़ने का यह चलन नया नहीं है। 2021 से ही शुद्ध निवेश के मामले में DII लगातार FII से आगे रहे हैं। 2021 में, DII ने 98,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था,जबकि FII ने 26,000 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा निवेश किया था। 2022 में, DII ने 2.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जबकि FII ने 1.28 लाख करोड़ रुपये से ज्यदा की निकासी की थी।

Currency Check : रुपये में दिखी 7 महीने की सबसे बड़ी बढ़त, 39 पैसे बढ़कर 84 डॉलर के आसपास कर रहा कारोबार

2023 में दोनों ये दोनों तरह के निवेशक लगभग बराबर रहे थे। इस अवधि में DII ने 1.81 लाख करोड़ रुपये और FII ने 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। 2024 में, DII फिर से हावी हो गए, जिन्होंने 8,000 करोड़ रुपये की FII की नेट सेलिंग के मुकाबले 5.23 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। 2025 में अब तक DII ने 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जबकि FII ने 1.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।