यूक्रेन पर रूसी हमले शुरु हो गए हैं। यूक्रेन के अलग -अलग शहरों में बम धमाके सुनने को मिले हैं। इस खबर के चलते घरेलू बाजार में शुरुआती कारोबार में आज बीएसई सेंसेक्स 1800 अंक तक टूट गया। बाजार करीब 18 महीनों की जोरदार रैली के बाद पिछले अक्टूबर से ही काफी वॉलैटाइल हो गया है। पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में काफी तेज गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स आज सुबह के कारोबार में 55,000 के आसपास चक्कर लगा रहा था। एक निवेशक के तौर पर आप अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए काफी चिंतित होंगे। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे तरीके पता रहे हैं जिसमें आप अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं।
आप दूसरा कुछ भी करें लेकिन अपना systematic investment plans (एसआईपी) ना बंद करें। बाजार की इस वॉलैटिलिटी में एसआईपी जारी रखना अच्छी रणनीति होती है। IDFC Mutual Fund के एक स्टडी से निकलकर आया है जिन निवेशकों ने कोविड -19 मार्केट क्रैश के शुरुआत में अपनी एसआईपी कायम रखी और जिन्होंने यह एसआईपी 2-3 साल कायम रखी उनको ऐसे लोगों की तुलना में ज्यादा फायदा हुआ है जिन्होंने घबराहट में मैच्योरिटी के पहले अपनी एसआईपी बंद कर दी।
Emkay Wealth के जोसेफ थॉमस का कहना है कि रूस- यूक्रेन का तनाव हो या कच्चे तेल की ऊंची कीमते ये लंबे समय तक नहीं बनी रहने वाले ऐसे में वर्तमान उतार-चढ़ाव का फायदा लेने के लिए एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंडों में निवेश करना बेहतर विकल्प होगा।
निवेश करें, स्पेकुलेशन नहीं
बहुत सारे निवेशक खुद स्टॉक खरीदते हैं। इनमें से कुछ डेरिवेटिव में ट्रेडिंग करते हैं। वर्तमान स्थितियों में सलाह होगी कि भारी उतार-चढ़ाव के इस दौर में ओवर नाइट लॉन्ग पोजिशन कैरी करने से बचें। अगर आपने हेजिंग नहीं की है तो भारी उतार-चढ़ाव के इस दौर में आपको भारी नुकसान हो सकता है।
थिमैटिक इन्वेस्टिंग की समीक्षा करें
पिछले 2 सालों के दौरान कई थिमैटिक फंड लॉन्च हुए हैं और निवेशकों को इनमें बड़े मुनाफे के लालच में दांव भी लगाया है लेकिन ध्यान रखें की थीमैटिक फंडों के साथ काफी जोखिम होता है लेकिन बाजार दिग्गजों के नजरिए से कुछ थीमैटिक फंडों में पैसे लगाए जा सकते हैं जो अच्छे नजर आ रहे हैं। JRL Money के Vijai Mantri का कहना है कि पीएसयू इक्विटी फंड, फाइनेंशियल और इंफ्रास्ट्रक्टर से जुड़े थीमैटिक फंड अच्छे नजर आ रहे हैं लेकिन अपने ओवरऑल पोर्टफोलियो का 10 फीसदी से ज्यादा इस तरह के फंडों में ना लगाएं।
पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड करें
उतार-चढ़ाव भरे दिनों में आपको बाजार में गिरावट की स्थिति में कुछ स्टॉक पहले की तुलना में सस्ते मिल सकते हैं लेकिन इसमें इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि इसमें अब कोई और गिरावट नहीं आएगी। बहुत से निवेशक ऐसे होते हैं जो इंट्राडे उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए ईटीएफ मेंपैसे लगाना चाहते हैं। ऐसे में Vijai Mantri की रिटेल निवेशकों को सलाह है कि वो बाजार के इस उतार-चढ़ाव भरे स्थिति में flexicap funds और multi-cap funds पर दांव लगाएं।
एक और जानकार का कहना है कि ऐसी स्थितियों में ETF फंड में भी पैसा लगाया जा सकता है। हालांकि आपके इक्विटी पोर्टफोलियो में वोलैटाइल टाइम में एक्टिविली मैनेज्ड फंड का हिस्सा ज्यादा होना चाहिए। ध्यान रखें की बाजार का यह उतार-चढ़ाव बहुत जल्दी खत्म होना वाला नहीं है अभी कुछ और समय बाजार में गिरावट कायम रह सकती है ऐसे में नए निवेशकों और कम निवेश क्षमता वाले निवेशकों को सलाह होगी कि balanced advantage funds के जरिए निवेश करें। जो इस तरह की स्थितियों में जोखिम से काफी हद तक सुरक्षा देते हैं।
सोने में निवेश की उपेक्षा ना करें
बाजार में भारी उथल-पुथल के दौर में सोने में निवेश करना एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है ऐसे में अपने पोर्टफोलियो का 5-7 फीसदी हिस्सा सोनें में जरुर लगाएं।