24 फरवरी यानी आज रूसियन प्रेसिडेंट ब्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन का एलान कर दिया। इसके बाद भारतीय बाजार मार्च 2020 के बाद दूसरी बार भारी गिरावट के दौर में चले गए। जनवरी में दिखी हल्की रिकवरी के बाद सेंसेक्स-निफ्टी अपने हाल के हाई से 10 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं। मध्य दिसंबर के से ये दोनों इंडेक्स अपने लोएस्ट लेवल के आसपास नजर रहे हैं।
बता दें कि रूशियन प्रेसिडेंट Vladimir Putin ने आज जारी अपने एक टेलीविजन संदेश में पूर्वी यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन का एलान किया है। बता दें कि अभी 1 दिन पहले ही रूस ने ईस्टर्न यूक्रेन के 2 अलग -अलग इलाकों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज वीके विजय कुमार का कहना है कि यूक्रेन संकट में लगातार आ रही गंभीरता के कारण ग्लोबल स्ट़ॉक मार्केट करेक्शन में मूड में आ गए हैं। निवेशकों को कोई बड़ा निवेश निर्णय लेने से पहले वेट एंड वॉच के मोड में रहना चाहिए और स्थितियों के साफ होने का इंतजार करना चाहिए।
फिलहाल 11.03 बजे के आसपास सेंसेक्स 1649.31 अंक यानी 2.88 फीसदी की गिरावट के साथ 55,582.75 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी 490.15 अंक यानी 2.87 फीसदी गिरकर 16,573.10 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
आइए हम उन कारणों पर नजर डालें जो बाजार में इस गिरावट की वजह बने हैं।
रशियन प्रेसिडेंट ब्लादीमीर पुतिन के टेलीविजन संदेश के पूरा होने के पहले ही रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के कई शहरों पर बमबारी शुरु कर दी। निवेशकों की नजरिए से यह घटना अपने में काफी निराशाजनक है। अब बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि रूस की इस क्रिया पर नाटो क्या प्रतिक्रिया देगा।
क्रूड के भाव 100 डॉलर प्रति बैरल के पार
क्रूड के भाव 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। क्रूड में यह उबाल यूक्रेन पर रशियन अटैक के चलते आया है। 2014 के बाद पहली बार क्रूड के भाव 100 डॉलर पर पहुंचे हैं। ट्रेडर्स का इस बात का भय है कि रूस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं जिससे तेल एक्सपोर्ट करने की उसकी क्षमता पर असर पड़ेगा। इससे तेल की सप्लाई में और दिक्कतें आएंगी।
यूक्रेन संकट उसी समय और बढ़ता नजर आया है जब फरवरी डेरिवेटिव सीरीज की एक्सपायरी का दिन है। डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपयरी के चलते बाजार में जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच और दबाव देखने को मिल रहा है। India VIX इंडेक्स 22 फीसदी की उछाल के साथ 30 स्तर पर पहुंच गया है। जो पिछले कई महीनों का सबसे ऊपरी स्तर है।
आज बाजार में दिग्गजों की तुलना में छोटे-मझोले शेयरों में ज्यादा बिकवाली आती दिखी है। निफ्टी मिडकैप और स्म़ॉलकैप इंडेक्स 2.6 फीसदी और 2.9 फीसदी टूट गए हैं। अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो रियल एस्टेट, मेटल , सरकारी बैंक, मीडिया को सबसे ज्यादा मार पड़ती नजर आई है। निफ्टी मेटल इंडेक्स 2.9 फीसदी टूटा है।