ग्लोबल संकेतों के अनुकूल न होने के कारण भारत के बेंचमार्क इंडेक्स यू-टर्न लेते नजर आ रहे हैं। ऐसे में Oak Capital Management के प्रशांत खेमका का कहना है कि हमें इस उथल-पुथल में हर सेक्टर से अच्छे शेयरों के चुनाव की रणनीति पर काम करना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों में ग्रोथ के लिए किसी या किन्हीं खास सेक्टर या शेयरों पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता।
CNBC-TV18 से प्रशांत खेमका ने भारतीय बाजारों की वर्तमान स्थिति, बढ़ते रूस-यूक्रेन संकट, ग्लोबल मार्केट पर इसके प्रभाव और बाजार में वोलेटिलिटी से निपटने की रणनीति पर खास बातचीत की। इस बात पर जोर देते हुए कि भारतीय बाजार विदेशी संकेतों पर काम कर रहा है, प्रशांत खेमका ने उन बातों की ओर संकेत किया जो वर्तमान वोलैटिलिटी की कारण हैं। उन्होंने कहा कि Russia-Ukraine संकट के और बिगड़ने के साथ ही बाजार में मंदड़िये हावी हो गए हैं। भारतीय बाजारों पर भी पूर्वी-यूरोप के इस संकट का असर देखने को मिल रहा है। वर्तमान में ग्लोबल संकेतों के अनुकूल न होने के कारण भारत के बेंचमार्क इंडेक्स यू-टर्न लेते नजर आ रहे हैं।
भारत में हम जो कुछ भी देख रहे है वह ग्लोबल बाजार में हो रही उथलपुथल का असर है। यहां तक की इस साल के शुरुआत से ही विदेशी बाजार वोलैटाइल हैं जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। बाजार की हालिया उतार-चढ़ाव का सबसे बड़ा कारण जियोपॉलिटिकल स्थिति है। कल रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर भी बाजार पर देखने को मिल रहा है। इसके अलावा महंगाई का दबाव भी बना हुआ है। इसपर यूएस फेड की कमेंट्री उत्साह जनक नहीं है। इस सबका असर बाजार पर देखने को मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कल के कारोबार में छोटे-मझोले शेयरों में करीब 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि इससे कोई बहुत बड़ी चिंता नहीं है। स्मॉलकैप शेयरों पर दबाव है। अगर हम सामान्य तौर पर वॉलैटिलिटी की स्थिति में बाजार पर क्या होता है इसपर नजर डालें तो बीच-बीच में आने वाले तेजी को हम पुलबैक नहीं कह सकते। ग्लोबल स्थितियों की वजह से बाजार में पल-पल बदलाव हो रहे हैं।
अमेरिकी बाजार की वर्तमान स्थितियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। Nasdaq 15 फीसदी नीचे है जबकि S&P 500 करीब 10 फीसदी नीचे है। अमेरिका का बॉर्डर मार्केट भी दबाव में चल रहा है। दूसरे इंडेक्स के मिड और स्मॉलकैप में भी कमजोरी दिख रही है।
बाजार में इस समय क्या होनी चाहिए रणनीति? इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में बाजार पर कोई खास एडवाइस देना बहुत मुश्किल है। पिछले 2 साल के दौरान बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली। पहली बार बाजार में इतनी बड़ी मात्रा में रिटेल इन्वेस्टर आते दिखे। जिनको अपने शुरुआती निवेश में अच्छा फायदा मिला लेकिन उनको बाजार की इस उतार-चढ़ाव की आदत नहीं है। उनके लिए बाजार की यह वॉलैटिलिटी एक नई चीज है क्योंकि पिछले 2 साल में उन्होंने सिर्फ मुनाफा देखा है।