ECO Mobility IPO Listing: कंपनियों को किराए पर कार मुहैया कराने वाली इको मोबिलिटी के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 64 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 334 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 391.30 रुपये और NSE पर 390.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 17 फीसदी का लिस्टिंग गेन (ECO Mobility Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 456.00 रुपये (ECO Mobility Share Price) पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह 442.80रुपये पर बंद हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 32.57 फीसदी मुनाफे में हैं।
ECO Mobility IPO की डिटेल्स
इको मोबिलिटी के ₹601.20 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 28 अगस्त-30 अगस्त के बीच खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 64.18 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 136.85 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 71.17 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 19.66 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 1.8 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। कंपनी को इस इश्यू के जरिेए जुटाए पैसे नहीं मिले हैं बल्कि शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है।
वर्ष 1996 में बनी इकोज (इंडिया) मोबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी किराए पर कार मुहैया कराती है। इसकी ग्राहक फॉर्च्यून की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में भी शुमार हैं। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के 21 राज्यों और 4 यूनियन टेरिटरीज के 109 शहरों में इसका कारोबार चल रहा है। वित्त वर्ष 2024 में इसकी 1100 से अधिक ग्राहक कंपनियां थीं। दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई और बेंगलुरु में तो यह खुद से ड्राइव करने वाले कार भी किराए पर देती है। इसके बेड़े में 12 हजार से अधिक कारें हैं जिसमें इकॉनमी, लग्जरी औऱ मिनी वैन के साथ-साथ लगेज वैन, विटेंज कार इत्यादि भी हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 9.87 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 43.59 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 62.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 93 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 568.21 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।