मस्क की टेस्ला महाराष्ट्र के सतारा में CKD प्लांट के लिए तलाश रही जमीन!

Musk's Tesla: टेस्ला भारतीय बाजार में अप्रैल 2026 तक प्रवेश करने की योजना बना रही है

अपडेटेड May 12, 2025 पर 4:37 PM
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अप्रैल 2026 तक भारत में बिकने लगेगी टेस्ला: रिपोर्ट

Elon Musk's Tesla: एलन मस्क की कंपनी टेस्ला महाराष्ट्र के सतारा में भूमि की तलाश में है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पूरी तरह से नॉक्ड डाउन (CKD) असेंबली प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि की तलाश कर रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला ने पहले हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग के साथ जॉइन्ट वेन्चर के लिए बातचीत की थी, लेकिन उसकी डील सफल नहीं हुई। टेस्ला CKD प्लांट बनाने के लिए अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही थी। वैसे मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका।

2026 तक भारतीय बाजार में आ जाएगी टेस्ला

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि टेस्ला का भारतीय बाजार में प्रवेश अप्रैल 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने मुंबई, दिल्ली और पुणे में कई पदों के लिए नौकरी के विज्ञापन पोस्ट किए थे, जो मस्क की अगुवाई वाली कंपनी के लिए अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद भारत में इंट्री की योजनाओं का संकेत देते हैं।

इससे पहले मार्च में, रॉयटर्स ने बताया था कि टेस्ला ने इंपोर्टेड ईवी बेचने के लिए मुंबई में अपना पहला भारत शोरूम खोलने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने पांच साल की लीज पर हस्ताक्षर किए और 4,003 वर्ग फीट (372 वर्ग मीटर) की जगह के लिए पहले साल के लिए लगभग 446,000 डॉलर का किराया देगी।

वैसे पिछले दिनों कंपनी के भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना से ठीक पहले टेस्ला के भारत के कंट्री हेड प्रशांत मेनन ने नौ साल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ब्लूमबर्ग ने पिछले सप्ताह बताया कि टेस्ला की चीन की टीमें अभी फर्म के भारत संचालन की देखरेख करेंगी।

अब जानिए क्या होता है CKD?


कम्प्लीट्ली नॉक्ड डाउन (CKD) एक तरह का असेंबलिंग प्लांट होता है। इसके तहत कार के पार्ट्स को दुनिया के विभिन्न भागों से एक देश में भेजा जाता है, जहां उन्हें बिक्री से पहले असेंबल किया जाता है। आपको बता दें कि, इस प्रक्रिया का उद्देश्य मुख्यतः आयात शुल्क को कम करना होता है। कंपनी किसी देश में फाइनल प्रोडक्ट इंपोर्ट करने के बजाय उसके पार्ट्स को इम्पोर्ट करके उसे असेंबल करती है। इससे इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कमी हो जाती है। एप्पल भी अपने आईफोन की भारत में इसी प्रकार असेंबल करता है।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: May 12, 2025 4:37 PM

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