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ALMM में सोलर सेल की होगी एंट्री, सोलर सेक्टर को मिलेगा मेगा पुश, टाटा पावर और अदानी ग्रीन को होगा फायदा

नए नियमों से सोलर सेल की क्षमता बढ़ेगी। 2026 तक 80 GW तक क्षमता विस्तार का लक्ष्य है। मौजूदा सोलर सेल क्षमता 8 GW है। 2026 तक सोलर मॉड्युल की क्षमता 172 GW होगी

अपडेटेड Dec 10, 2024 पर 6:11 PM
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भारत ने काफी महत्वाकांक्षी ग्रीन एनर्जी लक्ष्य बना रहा है। देश में 2030 तक 500 GW ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2028 तक सालाना 50 GW क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है

सोलर सेल के लिए सरकार जल्द नई ALMM लिस्ट जारी कर सकती है। इससे सोलर सेक्टर को मेगा पुश मिलने की उम्मीद है। नए नियम के तहत सोलर सेल के लिए ALMM की लिस्ट जारी होगी। ALMM यानी अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स ( Approved List Of Models & Manufacturers)। 1 जून 2026 से नए नियम लागू होंगे। पुराने नियम के मुताबिक पहले सोलर मॉड्यूल ही ALMM लिस्ट का हिस्सा थे। अब सोलर सेल भी इसका हिस्सा होंगे।

सोलर एनर्जी की बढ़ेगी क्षमता

नए नियमों से सोलर सेल की क्षमता बढ़ेगी। 2026 तक 80 GW तक क्षमता विस्तार का लक्ष्य है। मौजूदा सोलर सेल क्षमता 8 GW है। 2026 तक सोलर मॉड्युल की क्षमता 172 GW होगी। बता दें कि सोलर सेल का सोलर फोटोवोल्टिक (Photovoltaic) मॉड्युल में इस्तेमाल होता है।


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भारत का ग्रीन एनर्जी लक्ष्य

भारत ने काफी महत्वाकांक्षी ग्रीन एनर्जी लक्ष्य बना रहा है। देश में 2030 तक 500 GW ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2028 तक सालाना 50 GW क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। नए नियमों से काफी फायदा होने वाला है। इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा

और घरेलू डिमांड की स्थिति साफ होगी।

घरेलू सोलर मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन में चीन का प्रभाव होगा कम

सरकार के इस कदम घरेलू सोलर मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन में चीन के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि भारत के कुल सेल आयात में चीन की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। अब तक, भारत में निर्मित मॉड्यूल और देश में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियां ही ALMM का हिस्सा हैं। वर्तमान में, भारत में 6 गीगावाट (GW) सोलर पीवी सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता है। पॉलीसिलिकॉन का इस्तेमाल सिल्लियां बनाने के लिए किया जाता है, जिन्हें फिर वेफ़र्स में काटा जाता है। वेफ़र्स को सेल बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है। फिर इन सेल्स को मॉड्यूल बनाने के लिए एक साथ जोड़ा जाता है।

इस कदम का उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े सौर पीवी सेल निर्यातक चीन पर निर्भरता कम करना भी है। वित्त वर्ष 2023 में भारत के कुल सौर पीवी सेल आयात में चीन का हिस्सा 94 फीसदीऔर सौर पीवी मॉड्यूल शिपमेंट में 93 फीसदी था।

हालांकि, वित्त वर्ष 2024 में सेल और मॉड्यूल आयात में चीन की हिस्सेदारी घटकर क्रमश: 56 फीसदी और 66 फीसदी रह गई है। वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-मई के दौरान सोलर पीवी सेल के आयात में चीन की हिस्सेदारी 68 फीसदी और सोलर पीवी मॉड्यूल के आयात में 59 फीसदी थी।

किन कंपनियों को होगा फायदा

सरकार की इस नीति से टाटा पावर, अदानी ग्रीन एनर्जी, वारी एनर्जीज, बोरोसिल रेनुएबल्स, प्रीमियर एनर्जीज और जेएसडब्ल्यू एनर्जीको फायदा होने की उम्मीद है।

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