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Euro Pratik Sales IPO Listing: ₹247 का शेयर 10% प्रीमियम पर लिस्ट, ऑफर फॉर सेल का था पूरा इश्यू

Euro Pratik Sales IPO Listing: यूरो प्रतीक सेल्स डेकोरेटिव वाल पैनल और लैमिनेट के बिजनेस में है। अब इसके शेयर लिस्ट हुए हैं।। इसके आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है और सभी शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत ही हुई है यानी कंपनी को आईपीओ का पैसा नहीं मिला है। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है?

अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 4:09 PM
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Euro Pratik Sales IPO Listing: यूरो प्रतीक सेल्स का ₹451.39 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 16-18 सितंबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Euro Pratik Sales IPO Listing: डेकोरेटिव वाल पैनल और लैमिनेट कंपनी यूरो प्रतीक सेल्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 1.41 गुना बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 247 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹273.45 और NSE पर ₹272.10 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 10% से अधिक का लिस्टिंग गेन (Euro Pratik Sales Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹279.55 (Euro Pratik Sales Share Price) पर पहुंच गया। मुनाफावसूली के चलते दिन के आखिरी में यह ₹248.25 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक  महज 0.51% मुनाफे में हैं।

Euro Pratik Sales IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

यूरो प्रतीक सेल्स का ₹451.39 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 16-18 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 1.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 1.10 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 2.02 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.31 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 4.09 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है बल्कि ₹10 की फेस वैल्यू वाले 1,82,75,007 शेयर की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है यानी कंपनी को आईपीओ का पैसा नहीं मिला है।


Euro Pratik Sales के बारे में

वर्ष 2010 में बनी यूरो प्रतीक सेल्स डेकोरेटिव वाल पैनल और लैमिनेट के बिजनेस में है। मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में इसके 30 से अधिक प्रोडक्ट कैटेगरीज और 3 हजार से अधिक डिजाइन हैं। चार साल में इसने 113 प्रोडक्ट कैटेलॉग लॉन्च किया है। इसके प्रोडक्ट्स एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल हैं जो रिसाइकल्ड मैटेरियल्स से बनते हैं और इसमें नुकसान करने वाले हैवी मेटल्स नहीं हैं। इसके प्रोडक्ट्स वालपेपर, वुड और पेंड जैसे डेकोरेशन प्रोडक्ट्स का टिकाऊ विकल्प पेश करते हैं। देश में इसका कारोबार 116 शहरों में फैला हुआ है। मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के 25 राज्यों और 5 यूनियन टेरिटरीज में इसके 180 डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। साथ ही कंपनी सिंगापुर, यूएई और ऑस्ट्रेलिया समेत छह देशों को निर्यात भी करती है। कंपनी की योजना और भी देशों में अपना कारोबार फैलाने की है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹59.57 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹62.91 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹76.44 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी के टोटल इनकम में उठा-पटक दिखी। कंपनी की टोटल इनकम वित्त वर्ष 2023 में ₹268.55 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 में ₹230.11 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 में ₹291.52 करोड़ पर पहुंच गई। कंपनी पर कर्ज और रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में इस पर ₹2.68 करोड़ का कर्ज था तो रिजर्व और सरप्लस में ₹223.88 करोड़ थे।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Jeevan Deep Vishawakarma

Jeevan Deep Vishawakarma

First Published: Sep 23, 2025 10:02 AM

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