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FIIs Buying: शेयर बाजार में लौटे विदेशी निवेशक, 7 दिनों में की ₹3,000 करोड़ की खरीदारी

FIIs Buying: लगातार कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आखिरकार भारतीय शेयर बाजारों में वापसी करते दिख रहे हैं। यह भारतीय शेयरों को लेकर उनके सेंटीमेंट में बदलाव का संकेत हो सकता है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सात दिन (7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर) में पांच दिन विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से खरीदारी की है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 10:22 AM
FIIs Buying: शेयर बाजार में लौटे विदेशी निवेशक, 7 दिनों में की ₹3,000 करोड़ की खरीदारी
FIIs Buying: आईपीओ मार्केट में भी विदेशी निवेशकों ने 7,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया

FIIs Buying: लगातार कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आखिरकार भारतीय शेयर बाजारों में वापसी करते दिख रहे हैं। यह भारतीय शेयरों को लेकर उनके सेंटीमेंट में बदलाव का संकेत हो सकता है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सात दिन (7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर) में पांच दिन विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से खरीदारी की है।

इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। इसके अलावा उन्होंने आईपीओ मार्केट में भी इसी दौरान 7,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। NSE के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर को भी एफआईआई ने करीब 162 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खरीदारी की।

विदेशी निवेशकों की इस नई दिलचस्पी के साथ ही शेयर बाजारों में भी तेजी लौट आई है। अक्टूबर की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 3% की तेजी देखी जा चुकी है। वहीं बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.4% और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.7% ऊपर चढ़े हैं।

पहले हुई थी भारी निकासी

यह खरीदारी इस साल की शुरुआत में देखी गई बिकवाली के ठीक उलट है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजारों से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की थी। जबकि इस दौरान सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने शेयर बाजार को सपोर्ट देने वाले कई कदम उठाए थे। इनमें जीएसटी दरों में कटौती, जून में रेपो रेट में बड़ी कटौती और S&P की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार जैसे कदम शामिल है।

हालांकि इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजारों ने इस बाकी इमर्जिंग देशों के बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया। सेंसेक्स और निफ्टी इस दौरान केवल 3% चढ़े, जबकि मिडकैप 3% और स्मॉलकैप 4% नीचे फिसल गए।

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