IT stocks : आगे प्रदर्शन में कमजोरी कायम रहने की संभावना के बावजूद विदेशी निवेशकों ने सितंबर 2023 तिमाही में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और विप्रो जैसी भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। बता दें की इसके पहले की तिमाही में निराशाजनक वातावरण के कारण विदेशी निवेशन भारतीय आईटी कंपनियों से बाहर निकलते दिखे थे। स्टॉक एक्सचेंजों पर उपलब्ध नवीनतम शेयरहोल्डिंग पैटर्न डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 (Q2 FY24)की दूसरी तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने इंफोसिस में अपनी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 33.43 फीसदी से बढ़ाकर 33.59 फीसदी और TCS में 12.46 फीसदी से बढ़ाकर 12.47 फीसदी कर दी है।
इसके अलावा एफआईआई ने टेक महिंद्रा और विप्रो में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। जिसके चलते इन कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 25.69 फीसदी और फीसदी से बढ़कर 26.22 फीसदी और 6.47 फीसदी हो गई है।
दो तिमाहियों में हुई गिरावट के बाद इंफोसिस में एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी
लगातार दो तिमाहियों में हुई गिरावट के बाद इंफोसिस में एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ टीसीएस में लगातार 11 तिमाहियों की गिरावट के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। टेक महिंद्रा में भी लगातार 10 तिमाहियों की कटौती के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। वहीं, पिछली नौ में से सात तिमाहियों में एफआईआई ने विप्रो में अपनी हिस्सेदारी घटाई है।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एलटीआईमाइंडट्री में एफआईआई की हिस्सेदारी में गिरावट
दूसरी तरफ एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एलटीआईमाइंडट्री में एफआईआई की हिस्सेदारी में मामूली गिरावट देखने को मिली है। इनमें एफआईआई की हिस्सेदारी पिछली तिमाही की तुलना में 18.98 फीसदी और 8.21 फीसदी से घटकर 18.8 फीसदी और 8.11 फीसदी हो गई है।
म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने भी किया निवेश
इस अवधि के दौरान, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने भी बड़े आईटी शेयरों में निवेश करना जारी रखा है। इंफोसिस में म्यूचुअल फंड्स की तरफ से लगातार 11 तिमाहियों में निवेश होता दिखा है। जबकि टीसीएस में लगातार छठी तिमाही में म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने निवेश किया है। टेक महिंद्रा में लगातार 11 तिमाहियों से और एलटीआईमाइंडट्री में लगातार चौथी तिमाही में यह रुझान कायम रहा है। विप्रो में पिछली आठ तिमाहियों में से सात में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि एचसीएल टेक में लगातार दूसरी तिमाही में म्यूचुअल फंडों ने हिस्सेदारी बढ़ाई है।
दिग्गज आईटी कंपनियों ने दिया कमजोर रेवेन्यू गाइडेंस
बता दें की देश की दिग्गज आईटी कंपनियों ने कमजोर रेवेन्यू गाइडेंस दिया है। इनका ये भी कहना है कि कमजोर और अनिश्चित ग्लोबल आर्थिक स्थितियों के कारण वे कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर सकती है। इंफोसिस ने अपने पूरे साल के रेवेन्यू गाइडेंस को घटाकर 1-2.5 कर दिया है। टीसीएस में धीमी ग्रोथ देखने को मिली है। कंपनी दूसरी छमाही को लेकर सतर्क है। वहीं, विप्रो की कमाई में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट आई है। एचसीएल टेक ने अपने रेवेन्यू गाइडेंस को 6-8 फीसदी से घटा कर 5-6 फीसदी कर दिया। मिडकैप आईटी कंपनियों ने भी अपना गाइडेंस घटा दिया है। एलएंडटी टेक सर्विसेज ने अपना रेवेन्यू गाइडेंस घटाकर 17.5-18.5 फीसदी कर दिया है। इसी तरह हैपिएस्ट माइंड्स ने भी अपना रेवेन्यू गाइडेंस घटाकर 12 फीसदी कर दिया है।
मिडकैप आईटी कंपनियों में भी एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई
दूसरी तिमाही में मिडकैप आईटी कंपनियों में भी एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कोफोर्ज में एफआईआई हिस्सेदारी 24.78 फीसदी से बढ़कर 34.36 फीसदी हो गई है। जबकि बिड़लासॉफ्ट में एफआईआई की हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 11.31 फीसदी से बढ़कर 17.57 फीसदी हो गई है। इसी तरह, जेनसार टेक्नोलॉजीज, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज और सीई इंफो सिस्टम्स में एफआईआई हिस्सेदारी पिछली तिमाही की तुलना में बढ़ी है।
हैप्पीएस्ट माइंड्स टेक और टैनला प्लेटफॉर्म (Tanla Platforms)में लगातार चौथी तिमाही में एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। हालांकि, साइएंट, एम्फैसिस और न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स में एफआईआई की हिस्सेदारी में मामूली कमी आई है।