SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने हाल में कहा था कि मार्केट नियामक अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के खिलाफ सख्ती के लिए कड़े कानून बना रहा है। ऐसा लगता है कि आने वाले समय में मुश्किल को देखते हुए एनरजिस्टर्ड एडवायजर्स अभी से नियमों से बचने का आसान रास्ता निकालने की कोशिश में जुट गए हैं। बुच ने यह जानकारी मनीकंट्रोल के एक सवाल के जबाव में दी थी, जिसमें उनसे पूछा गया था कि मार्केट रेगुलेटर अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवायजर्स पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठा रहा है।
अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स जिन्हे Finfluencers भी कहा जाता है अब रिसर्च एनालिस्ट्स (RA) का लाइसेंस किराया पर ले रहे हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह बताया है। यह किराया उस फीस का 20 फीसदी है, जो वे स्टॉक टिप्स या ट्रेडिंग कॉल देने के एवज में इनवेस्टर्स से वसूलते हैं। मनीकंट्रोल ने इस बारे में कुछ फिनफ्लूएंसर्स से बात की। उनका कहना था कि उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि किसी न किसी कारण से उनके अप्लिकेशंस रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। दरअसल रिसर्च एनालिस्ट्स को लाइसेंस जारी करने के नियम बहुत सख्त हैं।
ऐसे निकाला कानून से बचने का रास्ता
एक नामी फिनफ्लूएंसर्स से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अब RA लाइसेंस का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। ब्रोकरेज फर्म Alice Blue के डायरेक्टर राजेश के ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास आरए लाइसेंस नहीं है, उसे ऐसी कंपनी हायर कर सकती है, जिसके पास आरए लाइसेंस है। लेकिन, इनवेस्टमेंट की सलाह लाइसेंस रखने वाली कंपनी के नाम से दी जाती है।
आरए लाइसेंस के लिए सख्त नियम
अभी फिनफ्लूएंसर्स आरए लाइसेंस का हवाला देते हैं, जिसे उन्होंने किराए पर लिया है। लेकिन, इनवेस्टमेंट एडवाइस देने का काम वे खुद करते हैं, जो नियमों के विरुद्ध है। RA के साथ काम करने के लिए भी व्यक्ति का पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है या उसके पास प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास पांच साल का मार्केट का अनुभव भी होना चाहिए। एक फिनफ्लूएंसर ने मनीकंट्रोल को बताया कि बाजार में सबकुछ खरीदा जा सकता है।
बार-बार रिजेक्ट हो जाते हैं अप्लिकेशंस
फिनफ्लूएंसर्स का कहना है कि नियम स्पष्ट नहीं हैं। इसके अलावा आरए के लिए रेगुलेशंस बहुत सख्त हैं। किसी हार्डकोर ट्रेडर्स के लिए भी इनका पालन करना बहुत मुश्किल है। दूसरी समस्या यह है कि कई फिनफ्लूएंसर्स की क्रेडिबिलिटी मार्केट रेगुलेटर की नजरों में नहीं है। एक बड़े फिनफ्लूएंसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कई एनालिस्ट्स पिछले कई महीनों से आरए लाइसेंस लेने की कोशिश कर रहे है। लेकिन, क्रेडिबिलिटी के अभाव में उनके अप्लिकेशन रद्द कर दिए जाते हैं।