शुक्रवार 13 जून को एफआईआई (FIIs) बाजार में 1.264 करोड़ रुपये की बिकवाली के साथ शुद्ध विक्रेता रहे। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (domestic institutional investors (DIIs) 3,041 करोड़ रुपये की खरीदारी के साथ शुद्ध खरीदार रहे। एनएसई के प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार कारोबारी सत्र के दौरान, DIIs ने 13,488 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 10,446 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जबकि FIIs ने 14,163 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि 15,426 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस साल अब तक FIIs ने 1.26 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने 3.19 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच बेंचमार्क इंडेक्सेस में गिरावट दर्ज की गई। बाजार बंद होने पर, सेंसेक्स 573.38 अंक या 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,118.60 पर बंद हुआ। निफ्टी 169.60 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,718.60 पर बंद हुआ। ब्रॉडर इंडेक्सेस ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें बीएसई मिड और स्मॉलकैप इंडेक्सेस में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई। सप्ताह के दौरान, बीएसई सेंसेक्स में 1.3 प्रतिशत और निफ्टी में 1 प्रतिशत की गिरावट आई।
निफ्टी में सबसे ज्यादा नुकसान अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, एसबीआई, इंडसइंड बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में हुआ। जबकि गेनर्स स्टॉक्स में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ओएनजीसी, टेक महिंद्रा, टीसीएस, विप्रो के शेयर शामिल रहे।
मीडिया को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्सेस लाल निशान में बंद हुए। इसमें FMCG, PSU बैंक, ऑयल एंड गैस, पावर, टेलीकॉम इंडेक्सेस 0.5-1 प्रतिशत नीचे गिरकर बंद हुए।
हफ्ते के आखिरी दिन के बाजार पर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि भारतीय इक्विटी में तेज गिरावट आई। ये कमजोरी वैश्विक संकेतों और आज सुबह इजराइल द्वारा ईरान पर सैन्य हमले शुरू करने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण हुई।
अगले हफ्ते के लिए बाजार पर राय देते हुए उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इजरायल-ईरान सैन्य कार्रवाई में वृद्धि के बीच कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण बाजार का ध्यान तेल खोजी कंपनियों पर रहेगा। इसके अलावा, इस तरह की किसी भी वृद्धि का घरेलू रक्षा कंपनियों पर पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा। इसकी वजह ये है कि रक्षा खर्च में वृद्धि के बीच निर्यात ऑर्डर में वृद्धि की उम्मीद है। कुल मिलाकर, हमें उम्मीद है कि कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण बाजार में मंदी रहेगी। जबकि इंडस्ट्री स्पेसिफिक न्यूज फ्लो से कुछ विशेष सेक्टर में मूवमेंट देखने को मिल सकता है।"
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