विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स काफी समय से इंडियन स्टॉक मार्केट्स में बिकवाली कर रहे हैं। इससे मार्केट्स पर दबाव बढ़ा है। हालांकि, कुछ शेयरों में उन्होंने बीते एक साल में अपने निवेश बढ़ाए हैं। अब भी उनका इंडियन मार्केट्स में बड़ा निवेश है। जून के अंत में इंडियन मार्केट्स के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में उनकी हिस्सेदारी करीब 16 फीसदी थी। कुछ खास सेक्टर और कंपनियों के शेयरों पर उनका भरोसा बना हुआ है।
