रिन्यूएबल एनर्जी, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेश से होगी कमाई, जेपी मॉर्गन के रोहित चटर्जी की राय

जेपी मॉर्गन (एशिया-पैसिफिक) के रोहित चटर्जी का मानना है कि इंडिया की ग्रोथ इसके घरेलू बाजार से आने वाली है। इंडिया निवेश के लिए काफी स्ट्रॉन्ग और अट्रैक्टिव मार्केट है। अगर आप शॉर्ट टर्म में वैल्यूएशन पर ध्यान न दें तो यह ऐसी इकोनॉमी है जिसका डिजिटलाइजेशन हो रहा है

अपडेटेड Feb 25, 2025 पर 12:37 PM
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रोहित चटर्जी ने कहा कि डिजिटलाइजेशन, लॉन्ग टर्म कंज्यूमर डिमांड और हेल्थकेयर से जुड़ी जरूरतों को पूरी करने के लिए नए बिजनेस मॉडल सामने आ रहे हैं।

शेयरों से काफी पैसा निकल आईपीओ में जा रहा है। जेपी मॉर्गन (एशिया-पैसिफिक) के रोहित चटर्जी ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि एशिया-पैसिफिक में इंडिया निवेशकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना हुआ है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इंडियन स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट सहित कई मसलों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज और बिजनेस सर्विसेज को अपनी पसंद बताया।

इंडिया निवेशकों के लिए अट्रैक्टिव मार्केट

उन्होंने कहा कि इंडिया निवेश के लिए काफी स्ट्रॉन्ग और अट्रैक्टिव मार्केट है। अगर आप शॉर्ट टर्म में वैल्यूएशन पर ध्यान न दें तो यह ऐसी इकोनॉमी है जिसका डिजिटलाइजेशन हो रहा है। डिजिटलाइजेशन, लॉन्ग टर्म कंज्यूमर डिमांड और हेल्थकेयर से जुड़ी जरूरतों को पूरी करने के लिए नए बिजनेस मॉडल सामने आ रहे हैं। यह लंबी अवधि की ग्रोथ ट्रेंड का संकेत है। लोग पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट के जरिए निवेश कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह ट्रेंड अगले 10 सालों तक जारी रहेगा। अगर वैल्यूएशन की चिंता छोड़ दी जाए तो यह मार्केट का सबसे अट्रैक्टिव कंपोनेंट है।


इंडिया की ग्रोथ का आधार घरेलू डिमांड

उन्होंने कहा कि इंडिया की ग्रोथ इसके घरेलू बाजार से आने वाली है। इस वजह से इंडिया को लेकर अंदाजा लगाना आसान हो जाता है। एक्सपोर्ट आधारित ग्रोथ के मामले में अनुमान लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि वहां चीजें नियमों और टैरिफ में होने वाले बदलाव पर निर्भर करती हैं। अमेरिकी मार्केट के बारे में उन्होंने कहा कि यील्ड और ग्रोथ के लिहाज से अमेरिकन मार्केट का अट्रैक्शन बढ़ा है। इसलिए पैसा कई उभरते देशों से निकलकर अमेरिकी मार्केट में जाएगा। इसमें अमेरिकी डॉलर की मजबूती का भी हाथ है।

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शॉर्ट टर्म में गिरावट को लेकर चिंता नहीं

इंडियन मार्केट के बारे में उन्होंने कहा कि इंडिया में स्टॉक्स की वैल्यूएशन कुछ दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा है। लेकिन, अगर आप डॉलर के एक्चुअल फ्लो को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि सेकेंडरी मार्केट से काफी पैसा निकलकर प्राइमरी मार्केट में वापस जा रहा है। अच्छे प्राइस वाले आईपीओ की मजबूत मांग विदेशी निवेशकों के बीच भी है। इसलिए शॉर्ट टर्म में मार्केट में गिरावट को लेकर चिंता नहीं है। यह अक्सर काफी फायदेमंद होता है। इंडिया में पूंजी निवेश करने के लिए अच्छे मौके हैं। साथ ही निवेश पर मिलने वाला रिटर्न काफी अच्छा है।

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