F&O Trading: ब्रोकरेज के एलर्ट के मुताबिक करीब 90 फीसदी ट्रेडर्स F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) में पैसे गंवाते हैं। अब खुदरा ट्रेडर्स को घाटे से सुरक्षित रखने के लिए सरकार इसकी ट्रे़डिंग महंगा करने पर विचार कर रही है। यह जानकारी सीएनबीसी आवाज को सूत्रों के हवाले से मिली है। जानकारी के मुताबिक एफएंडओ ट्रांजैक्शन पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ाया जा सकता है। सरकार का टारगेट हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT)और एल्गोरिद्म आधारित हेज फंड्स हैं। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सीतारमण ने गुरुवार 20 जून को अगले महीने पेश होने वाले बजट से पहले फाइनेंशियल सेक्टर और कैपिटल मार्केट के साथ प्री-बजट चर्चा की।
1 अप्रैल से पहले ही बढ़ चुकी है ऑप्शंस पर STT
फ्यूचर्स और ऑप्शंस के कॉन्ट्रैक्ट्स की खरीद-बिक्री पर एसटीटी लगता है। अभी हाल ही में इसमें बढ़ोतरी हुई थी। 1 अप्रैल से ऑप्शंस पर एसटीटी को 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.0625 फीसदी कर दिया। अभी इक्विटी डिलीवरी पर बाय और सेल, दोनों साइट एसटीटी 0.1 फीसदी लगती है। इक्विटी इंट्रा-डे में सेल साइड पर यह 0.025 फीसदी, इक्विटी फ्यूचर्स पर सेल साइड यह 0.0125 फीसदी, इक्विटी ऑप्शंस पर सेल साइड 0.0625 फीसदी और एक्सरसाइज पर 0.125 फीसदी है।
20 साल पहले लाया गया था एसटीटी
बाजार नियामक सेबी लगातार रिमांड दिलाता रहता है कि 10 में से 9 ट्रेडर्स को F&O में घाटा होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि एसटीटी में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे कुछ नियंत्रण आएगा। एसटीटी को पहली बार करीब 20 साल पहले वर्ष 2004 में लाया गया था। स्टॉक मार्केट से जुड़े जो भी लेन-देन हैं, उन पर यह लगाया जाता है। केंद्र सरकार का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में इसे 27625 करोड़ रुपये की एसटीटी मिल सकती है जो पिछले वित्त वर्ष के लिए रिवाइज्ड बजट एस्टीमेट से 10.5 फीसदी अधिक है। वहीं 18.24 लाख करोड़ रुपये के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन एस्टीमेट का यह करीब डेढ़ फीसदी है।