Gold-Silver Shines: सोने और चांदी की चमक लगातार बढ़ती ही जा रही है और सोमवार को यह कई महीने के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। इसका असर एनएसई पर ट्रेड होने वाले एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) पर भी दिखा। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना और कमजोर डॉलर के चलते ईटीएफ की खरीदारी बढ़ गई और भाव उछल पड़े। स्पॉट गोल्ड की बात करें तो इसकी कीमत बढ़कर प्रति औंस $3,493.10 हो गई, जोकि अप्रैल में $3,500.05 के रिकॉर्ड हाई के काफी करीब है। वहीं दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स $3,546.10 प्रति औंस पर हैं। चांदी की बात करें वर्ष 2011 के बाद पहली बार इसने प्रति औंस $40 का लेवल पार किया, और लगभग $40.84 प्रति औंस तक पहुंची। भारत में बात करें तो MCX पर 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम ₹1,05,880 तक पहुंचा गया और चांदी प्रति किग्रा चांदी ₹1.05 लाख पर पहुंच गई।
Gold ETF या Silver ETF, किसने मारी बाजी?
गोल्ड ईटीएफ की तुलना में सिल्वर ईटीएफ की चमक अधिक बढ़ी। गोल्ड ईटीएफ में निप्पन इंडिया गोल्ड बीईईएस 1.49% उछलकर ₹86.61, एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ 1.59% बढ़कर ₹89.43, एसबीआई गोल्ड ईटीएफ 1.67% और ICICI प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ 1.77% ऊपर चढ़ गया। इनके अलावा कोटक गोल्ड ईटीएफ,एक्सिस गोल्ड ईटीएफ, मिरे गोल्ड ईटीएफ, यूटीआई गोल्ड ईटीएफ, एबीएसएल लाइफ गोल्ड, क्वांट गोल्ड ईटीएफ, और इंवेस्को गोल्ड ईटीएफ में भी अच्छी तेजी आई। वहीं दूसरी तरफ सिल्वर ईटीएफ की बात करें तो एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ 4.58% उछलकर ₹119.14 पर पहुंच गया जबकि ICICI प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ, यूटीआई सिल्वर ईटीएफ, कोटक सिल्वर ईटीएफ, डीएसपी सिल्वर ईटीएफ, मिरे सिल्वर ईटीएफ, ABSL सिल्वर ईटीएफ और टाटा सिल्वर ईटीएफ में 3.9% से अधिक तेजी आई है।
क्या कहना है एक्सपर्ट का?
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज एंड करेंसीज) मनीष शर्मा का कहना है कि पिछले हफ्ते से कई वजहों से सोने और चांदी की चमक बढ़ रही है। सबसे मुख्य वजह तो यही है कि अमेरिकी फेड की 17-18 सितंबर को होने वाली बैठक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। अमेरिका में कमजोर पेरोल डेटा और जॉब की सुस्त ग्रोथ के साथ मिलकर टैरिफ के चलते महंगाई से जुड़ी चिंताओं ने अनिश्चितता बढ़ा दी है। इससे सोने और चांदी को सपोर्ट मिला है। उनका मानना है कि चांदी की बात करें तो इसे ईवी और सोलर टेक्नोलॉजीज से मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड से भी सपोर्ट मिला है। इसके अलावा पांच साल की सप्लाई डेफेसिट ने भी इसका भाव मजबूत किया है। पिछले महीने अगस्त में सिल्वर ईटीएफ में निवेश तीन साल के हाई पर पहुंच गया।
आगे की बात करें तो उनका मानना है कि त्योहारों और शादियों का मौसम आ रहा है तो इससे सोने और चांदी की फिजिकल डिमांड मजबूत बने रहने के आसार हैं। एक साल में गोल्ड ईटीएफ के 40% रिटर्न और सिल्वर ईटीएफ के 36-37% रिटर्न के साथ एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि भारत में फेस्टिव डिमांड और वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीतियों में हलचल से नियर टर्म में इसमें तेजी का रुझान आगे भी जारी रहेगा।
ये हैं होल्डिंग के आंकड़े
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक 22 अगस्त तक टोटल ग्लोबल होल्डिंग ईटीएफ होल्डिंग $39.26 हजार करोड़ के एयूएम के साथ 3,656.7 टन पर पहुंच गई। इस साल अब तक नेट डिमांड 437.9 टन की रही जोकि होल्डिंग्स का 13.6% है। उत्तरी अमेरिका में सबसे अधिक निवेश हुआ और $2.35 हजार करोड़ का निवेश और 1882 टन की होल्डिंग रही जबकि यूरोप में $860 करोड़ का निवेश और 1388 टन की होल्डिंग रही। एशिया में $1.04 हजार करोड़ का निवेश और 317 टन की होल्डिंग रही जोकि होल्डिंग्स के मुताबिक 46.5% मांग को दिखा रहा है। बाकी जगहों पर मामूली निवेश आया।
सिल्वर ईटीएफ की बात करें तो इसकी होल्डिंग उछलकर 80 करोड़ औंस (1 किग्रा में 35.274 औंस) के करीब पहुंच गई जो जुलाई 2022 के बाद का रिकॉर्ड हाई लेवल है। वर्ष 2023 और वर्ष 2024 के कुछ महीनों में यह 70 करोड़ औंस के भी नीचे आ गया था लेकिन इस साल फरवरी से फिर स्थिति बदली और यह लगातार बढ़ गया। अब यह सिर्फ जुलाई 2022 में 80.8 करोड़ औंस के लेवल से ही नीचे है।
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