देश में दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराने वाली टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सरकार की तरफ से कंपनियों के राहत मिलती दिख रही है। सरकार का स्पेक्ट्रम नीलामी करने का विचार है। सरकार टेलीकॉम कंपनियों के लिए रिजर्व 6 GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। इसके लिए सरकार जल्द ही TRAI से सिफारिशें मांगने वाली है। मेटा, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां इस स्पेक्ट्रम बैंड की मांग कर रही थी। CNBC के EXCLUSIVE सूत्रों से जानकारी मिली कि मेटा, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां इस बैंड को उन्हे देने की मांग कर रही थी। लेकिन इसे सरकार ने अब ठुकरा दिया है।
टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत
हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि सरकार 6 GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। सरकार जल्द ही इसके लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से सिफारिशें मांगेगी। उन्होंने आगे कहा कि टेक कंपनियां इसे अपने लिए मांग रहीं थी। टेक कंपनियां इस स्पेक्ट्रम को मुफ्त में मांग रहीं थी। लेकिन सरकार ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है और इसकी नीलामी करने का फैसला लिया है।
मेटा, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां का प्रस्ताव सरकार ने ठुकराया
असीम मनचंदा ने EXCLUSIVE सूत्रों के हवाले से कहा कि स्पेक्ट्रम के मामले में टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ी राहत है। सरकार ने 6 GIGAHERTZ स्पेक्ट्रम बैंड को टेलीकॉम कंपनियों के लिए रिजर्व करने का फैसला किया है। मेटा, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियां इस बैंड को उन्हे देने की मांग कर रही थी। जिसे सरकार ने अब ठुकरा दिया है।
सरकार ने स्पेक्ट्रम टेलीकॉम कंपनियों को देने का फैसला किया है। सूत्रों से पता चल रहा है कि 6725-7025 MHz स्पेक्ट्रम टेलीकॉम कंपनियों को मिलेगा। इससे कंपनियों को करीब 600 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिलेगा। इससे टेलीकॉम सेवाओं के अंदर भी सुधार आएगा। टेलीकॉम कंपनियां इसके ऑक्शन की मांग कर रही थी। जबकि मेटा, गूगल, अमेजन 6 Ghz बैंड के डी-लाइसेंस की मांग कर रहीं थी।
टेलीकॉम कंपनियों के पक्ष में फैसला होने से कंपनियों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही सरकार के इस फैसले से टेलीकॉम शेयरों में एक्शन देखने को मिल सकता है।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)