अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि अमेरिकी बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्र ( BFSI sector) में कमजोरी के कारण 31 मार्च 2024 को खत्म हुई चौथी तिमाही में भारतीय आईटी सेक्टर का प्रदर्शन मध्यम स्तर का रह सकता है। क्लाउड सेवाओं की मांग में बढ़त देखने को मिल रही है। लेकिन मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि आईटी कंपनियों के लाभ में अभी भी बढ़ोतरी नहीं दिखी है। जेनरेटिव एआई स्पेस की कंपनियों के लिए मौके हैं लेकिन वर्तमान में इस सेक्टर में भी प्राथमिकता के आधार पर निवेश नहीं आ रहा।
एक्सेंचर के कमजोर गाइडेंस ने दिया झटका
21 मार्च को, ग्लोबल टेक दिग्गज एक्सेंचर ने अपने अर्निंग गाइडेंस में कटौती की थी। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता के चलते टेक कंपनियां ग्राहकों के लिए अपनी एडवाइजरी सेवाओं पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए मजबूर हो सकती हैं। एक्सेंचर के कमजोर गाइडेंस के चलते भारतीय आईटी सर्विसेज स्टॉक औंधे मुंह गिर गए और इस सेक्टर में चौतरफा गिरावट देखने को मिली।
एक्सेंचर अपनी आईटी और कंसल्टिंग सर्विसेज के लिए सुस्त मांग की समस्या से जूझ रहा है। उच्च ब्याज दरों ने इस इंडस्ट्री पर ब्रेक लगा दिया है। हालांकि कोविड महामारी के दौरान आईटी और कंसल्टिंग सर्विसेज में जोरदार तेजी देखने को मिली थी। इस सेक्टर के ताजे नतीजे ग्लोबल मार्केट में आर्थिक अनिश्चितता का संकेत दे रहे हैं। इससे कंसल्टिंग पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसके चलते आईटी सेक्टर में छंटनी और नई नियुक्ति पर रोक का ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों की ग्रोथ में सुस्ती कायम रहने की उम्मीद
कुल मिलाकर देखें तो घरेलू आईटी सेक्टर को लेकर सर्वसम्मति से अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों की चौथी तिमाही की अर्निंग में तिमाही आधार पर सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन इनकी ग्रोथ अभी भी धीमी रहेगी, क्योंकि अमेरिका में आईटी बजट और डिस्क्रीशनरी खर्च तंगी में बने हुए हैं।
मार्जिन में थोड़ा सुधार होने की संभावना
इंफोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो जैसे कुछ मामलों को छोड़कर, निरंतर लागत-नियंत्रण उपायों और एट्रीशन रेट में गिरावट के कारण आईटी सेक्टर के मार्जिन में थोड़ा सुधार होने की संभावना है।
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