इस फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत ऑटो कंपनियों के लिए अच्छी नहीं रही। पहले चार महीनों में पैसेंजर व्हीकर्स की सेल्स 1.1 फीसदी कमी रही। दरअसल, ऑटो इंडस्ट्री कमजोर डिमांड की वजह से दबाव में है। ऐसे में छोटी गाड़ियों (कार और बाइक्स) पर जीएसटी घटने से इस इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। छोटी कारों और कम पावर वाली मोटरसाइकिल पर अब 28 की जगह 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू हो जाएगा। त्योहारी सीजन में टैक्स में इस कमी से गाड़ी खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ने की उम्मीद है।
मारुति स्विफ्ट, ह्यूंडई आई20, टाटा पंच जैसी गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी
छोटी कारों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो जाने से ग्राहकों की दिलचस्पी मारुति स्विफ्ट, ह्यूंडई आई20, टाटा पंच जैसी गाड़ियों में बढ़ सकती है। लेकिन, ज्यादा फायदा SUV को होगा। अभी एसयूवी पर 28 फीसदी जीएसटी और 22 फीसदी सेस लगता है। इससे कुल टैक्स बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच जाता है। अब एसयूवी जैसी बड़ी गाड़ियों पर 40 फीसदी का टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि अब एसयूवी खरीदने पर 50 फीसदी की जगह 40 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। पहले से ही लोग कार से ज्यादा दिलचस्पी एसयूवी खरीदने में दिखा रहे हैं।
350 से ज्यादा पावर वाले बाइक्स महंगी हो जाएंगी
अभी 350 सीसी तक पावर वाली बाइक्स पर 28 फीसदी टैक्स लगता है। 350 सीसी से ज्यादा पावर वाली मोटरसाइकिल पर अतिरिक्त 3 फीसदी सेस लगता है। इससे कुल टैक्स बढ़कर 31 फीसदी हो जाता है। लेकिन, जीएसटी रेट्स में बदलाव के बाद 350सीसी से ज्यादा की बाइक्स पर 40 फीसदी टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि जीएसटी 2.0 में महंगी बाइक खरीदने के लिए ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। इसके अलावा सरकार एबीएस को सभी तरह के टू-व्हीलर्स के लिए अनिवार्य बना रही है। इसका असर भी कीमतों पर पड़ सकता है।
ट्रैक्टर्स की सेल्स बढ़ने की उम्मीद
थ्री-व्हीलर्स और कमर्शियल व्हीकल्स की मांग पहले से स्ट्रॉन्ग है। अब इन पर टैक्स 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो जाने से बिक्री रफ्तार पकड़ सकती है। कृषि क्षेत्र को भी फायदा होने जा रहा है। ट्रैक्टर पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा। पहले इस पर 12 फीसदी टैक्स लगता था। इससे ग्रामीण इलाकों ट्रैक्टर्स की मांग बढ़ेगी। इस साल मानसून की बारिश अच्छी हुई है। इससे खरीफ की फसल अच्छी रहने की उम्मीद है। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी। 12 फीसदी की जगह 5 फीसदी टैक्स की वजह से ट्रैक्टर्स खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ सकती है।
इन ऑटो कंपनियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
सवाल है कि छोटी गाड़ियों पर जीएसटी घटने से किस ऑटो कंपनी को सबसे ज्यादा फायदा होगा? इसका जवाब Maruti Suzuki है। इसकी वजह यह है कि छोटी कारों और एसयूवी में इस कंपनी के पास ज्यादा विकल्प हैं। ऑल्टो, एस-प्रेसो, बालेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट, वैगनआर, फ्रॉन्क्स इसके उदाहरण हैं। दूसरे नंबर पर Hyundai है, जिसके पास भी छोटी कारों का बड़ा पोर्टफोलियो है। इसमें Grand I10, I20, Aura, Exter, Altroz, Tiago और Punch जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
आयशर मोटर्स को हो सकता है नुकसान
तीसरे नंबर पर महिंद्रा एंड महिंद्रा है। इसके पास एसयूवी की बड़ी रेंज है। साथ ही ट्रैक्टर्स की मांग बढ़ने से भी कंपनी को फायदा होगा। आयशर मोटर्स को जीएसटी में बदलाव से नुकसान हो सकता है, क्योंकि इसके ज्यादा मॉडल्स 350सीसी से ज्यादा के हैं। टीवीएस को जीएसटी घटने का ज्यादा फायदा होगा। हालांकि, होंडा, हीरोमोटो जैसी कंपनियों के पास भी कम पावर की मोटरसाइकिल की अच्छी रेंज हैं।
4 सितंबर को ज्यादातर ऑटो शेयरों में गिरावट
हालांकि, 4 सितंबर को सबसे ज्यादा तेजी महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में दिखी। यह 5.9 फीसदी चढ़कर 3,480 रुपये पर बंद हुआ। मारुति का शेयर 1.6 फीसदी फीसदी और ह्यूंडई का शेयर 1.5 फीसदी गिर गया। टीवीएस मोटर्स का शेयर 0.78 चढ़कर बंद हुआ।