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FY24 में Nifty Defence ने दिखाया जोश, आधे से अधिक शेयर बने मल्टीबैगर, अब आगे ये है रुझान

Defence Stocks: वित्त वर्ष 2024 में घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स Nifty 50 करीब 29 फीसदी मजबूत हुआ। वहीं दूसरी तरफ वित्त वर्ष 2023-24 के स्टॉक मार्केट के कारोबार की समाप्ति पर निफ्टी इंडिया डिफेंस 119 फीसदी उछल गया। इस इंडेक्स के 15 शेयरों में आधे से अधिक शेयर तो मल्टीबैगर साबित हुए और पांच शेयर तो सरकारी कंपनियों के रहे

अपडेटेड Mar 30, 2024 पर 8:50 AM
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पिछले पांच साल में Nifty India Defence इंडेक्स सालाना 44 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा। इस दौरान निफ्टी 15 फीसदी से अधिक CAGR से चढ़ा। निफ्टी के डिफेंस इंडेक्स को सिर्फ निफ्टी SME एमर्ज ने पछाड़ा जो इस दौरान 49 फीसदी के CAGR से चढ़ा।

Defence Stocks: वित्त वर्ष 2023-24 के स्टॉक मार्केट का कारोबार समाप्त हो चुका है। इस कारोबारी वित्त वर्ष में सबसे बेहतर परफॉर्म करने वाले इंडेक्स में निफ्टी इंडिया डिफेंस भी शामिल रहा। सरकार की आत्मनिर्भरता की मुहिम ने इस सेक्टर का जोश हाई कर दिया और यह इंडेक्स पूरे वित्त वर्ष में 119 फीसदी उछल गया। इंडेक्स के 15 शेयरों में आधे से अधिक शेयर तो मल्टीबैगर साबित हुए और पांच शेयर तो सरकारी कंपनियों के रहे। सबसे बेहतर परफॉर्म भी एक सरकारी कंपनी ने ही किया। कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) के शेयर 280 फीसदी से अधिक उछल गए यानी कि इसने निवेशकों की पूंजी तीन गुना से अधिक बढ़ा दी।

किन-किन शेयरों ने दिखाया दम

कोचीन शिपयार्ड के शेयर 280 फीसदी से अधिक उछल गए। इस दौरान दूसरे स्थान पर जेन टेक (Zen Tech) के शेयर रहे जो 191 फीसदी मजबूत हुए। सरकारी कंपनियों मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, एचएएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और मिश्र धातु निगम, सोलर इंडस्ट्रीज और अस्त्र माइक्रोवेव के शेयर 189 फीसदी तक उछल गए। निफ्टी डिफेंस के 15 में से सिर्फ दो ही शेयर ऐसे रहे जिनमें निफ्टी से भी कम तेजी रही। Mtar Tech सिर्फ 8 फीसदी मजबूत हुआ तो दूसरी तरफ ideaForge Tech के शेयर 46 फीसदी कमजोर हुए। माइक्रोकैप स्टॉक्स में भी खरीदारी का जबरदस्त रुझान दिखा। वित्त वर्ष 2024 में NIBE के शेयर 270 फीसदी उथल गए। वहीं SME स्पेस में Meson Valves के भी शेयर 229 फीसदी उछल गए। मेसन वाल्व्स के शेयर सितंबर 2023 में लिस्ट हुए थे।


Defence Stocks में अब आगे क्या है रुझान

मैकिंसी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में डिफेंस इक्विपमेंट की मांज पांच कारकों पर निर्भर करेगी- इंडियन बॉर्डर के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर बदलती राजनीतिक व्यवस्था, खराब पड़ चुके इक्विपमेंट को बदलकर नया करने की जरूरत, आंतरिक सुरक्षा की जरूरतों के चलते बढ़ती मांग, मजबूत इकनॉमिक ग्रोथ से बढ़ता सरकारी खर्च और डिफेंस इंडस्ट्री में नए प्लेयर की एंट्री से कॉम्पटीशन में उछाल। वित्त वर्ष 2025 में भारत का डिफेंस बजट 6.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक है जो वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले 4.72 फीसदी अधिक है।

मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल के इंस्टीट्यूशनल ब्रोकिंग हेड पुर्वेश शेलतकर का कहना है कि डिफेंस इंडस्ट्री अपने पूरे रौ में है। निवेश के लिहाज से देखें तो निवेशक डिफेंस स्टॉक्स पर दांव लगा सकते हैं लेकिन तिमाही परफॉरमेंस और ऑर्डरबुक के पैमाने पर ही स्टॉक न चुनें बल्कि यह भी देखें कि कंपनी कितनी तेजी से ऑर्डर पूरा कर रही है और आने वाले वर्षों में यह अपनी तकनीक में कितना बदलाव ला सकती है। पिछले पांच साल में निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स सालाना 44 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा। इस दौरान निफ्टी 15 फीसदी से अधिक CAGR से चढ़ा। निफ्टी के डिफेंस इंडेक्स को सिर्फ निफ्टी SME एमर्ज ने पछाड़ा जो इस दौरान 49 फीसदी के CAGR से चढ़ा।

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