HDFC बैंक ने सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न जारी किए हैं। इसके मुताबिक सितंबर तिमाही में बैंक की डिपॉजिट में सालाना आधार पर 15.1 फीसदी और तिमाही आधार पर 5.1 फीसदी की बढ़त हुई है। इस स्टॉक में MSCI फ्लो का पहला चरण सितंबर में आया था। MSCI फ्लो का दूसरा चरण नवंबर रिव्यू में संभव है। HDFC बैंक सितंबर में फॉरेन ओनरशिप लिमिट 55.51 फीसदी रही। वहीं, जून में जून में फॉरेन ओनरशिप लिमिट 54.83 फीसदी रही थी।
HDFC बैंक के शेयरों में अब क्या करें इस पर बात करते हुए ट्रैकॉम स्टॉक ब्रोकर्स के पार्थिव शाह ने कहा कि HDFC बैंक में एफपीआई का निवेश नवंबर में ड्यू है। इसके लिए बाजार बैंक के कारोबारी आंकड़ों का इंतजार कर रहा था। इन आंकड़ों को देख कर लग रहा है दूसरे चरण में इस स्टॉक में अच्छा निवेश आएगा। वैल्यूएशन के हिसाब से भी इस समय एचडीएफसी बैंक बहुत अच्छा लग रहा है। भारतीय बाजारों के लिए फॉरेन एफपीआई की सबसे बड़ी चिंता वैल्यूएशन को लेकर थी। ऐसे में बहुत सारे एफपीआई साइड लाइन में थे।
पार्थिव शाह ने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर में वैल्यूएशन की चिंता नहीं थी क्योंकि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक जैसे शेयर वैल्यूएशन के हिसाब से महंगे नहीं। बैंकिंग शेयरों की चिंता ग्रोथ से जुड़ी हुई थी। लेकिन आज आए आंकड़ों में एचडीएफसी बैंक ने बहुत अच्छा डिपॉजिट ग्रोथ दिखाया है। ये स्टॉक इस समय काफी अच्छे वैल्यूएशन पर है। पिछले 4 साल से ये शेयर ठहरा हुआ है। अब इसके चलने की बारी नजर आ रही है। अगर आगे चल कर बैंक में एडवांसेज में 15 फीसदी की भी ग्रोथ होती है तो ये स्टॉक री-रेटिंग का बहुत अच्छा कंडीडेट होगा।
पार्थिव शाह का कहना है कि वोलेटाइल बाजार में वैसे भी बैंकिंग और फार्मा शेयर डिफेंसिव माने जाते है। एचडीएफसी बैंक में अब यहां से किसी बड़ी गिरावट का डर भी नहीं है। ऐसे में रिटेल निवेशकों को भी एक सुरक्षित दांव के तौर पर एचडीएफसी बैंक में खरीदारी करनी चाहिए। पार्थिव शाह कोटक महिंद्रा बैंक भी अच्छा लग रहा है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।