HDFC Bank के शेयरों में पिछले दो कारोबारी दिनों में 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दरअसल, तीसरी तिमाही के नतीजों ने निवेशकों को निराश किया है, जिसके चलते इसमें बिकवाली हो रही है। इस बीच, एक्सपर्ट्स का मानना है कि लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए यह गिरावट निवेश का अच्छा मौका हो सकता है। उन्होंने लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को सलाह दी है कि वे एचडीएफसी बैंक के स्टॉक में भारी गिरावट का फायदा उठाने पर विचार करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्टॉक का वैल्यूएशन अट्रैक्टिव है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा गिरावट आगे भी जारी रह सकती है। HDFC Bank के शेयरों में गिरावट की वजह मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरे तिमाही के नतीजे हैं। निवेशक फ्लैट मार्जिन, सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ और अर्निंग पर शेयर (EPS) से निराश हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि HDFC Bank के शेयर की कीमत निवेशकों के फौरन रिएक्शन के कारण गिर रही है, लेकिन लॉन्ग टर्म आउटलुक पॉजिटिव है। एक्सिस सिक्योरिटीज में रिसर्च एनालिस्ट - BFSI, ज्ञानदा वैद्य ने कहा, "भले ही तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के मार्जिन ने निराश किया है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि पोर्टफोलियो मिक्स के रिटेल लेंडिंग की ओर शिफ्टिंग होने से धीरे-धीरे सुधार होगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एचडीएफसी के शेयर प्राइस में मौजूदा गिरावट तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजों की फौरन प्रतिक्रिया है। इंडिपेंडेंड मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा ने कहा कि मर्जर के कारण स्टॉक में लॉन्ग टर्म में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता है।
उन्होंने आगे कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि लंबी अवधि में एचडीएफसी स्टॉक 1,750-1,850 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच जाएगा, लेकिन नियर टर्म में किसी उछाल की उम्मीद नहीं है। अगर ओवरऑल मार्केट में गिरावट आती है, तो हम स्टॉक में 1350 रुपये प्रति शेयर तक की गिरावट देख सकते हैं।"
एक्सिस सिक्योरिटीज के वैद्य ने कहा, "इस तेज करेक्शन के बाद बैंक के लिए वैल्यूएशन आकर्षक हो गया है और हमने 1975 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक पर 'Buy' रेटिंग को बरकरार रखा है।" इसके अलावा, शेयरखान ने कहा, "हम मीडियम से लॉन्ग टर्म के लिए बैंक पर कंस्ट्रक्टिव बने हुए हैं और 1900 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ 'Buy' कॉल बरकरार रखते हैं।"
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट्स ने भी वर्तमान में वैल्यूएशन को आकर्षक माना और कहा कि बेस्ट इन क्लास रिटर्न रेश्यो देने के लिए बैंक को अधिक समय की जरूरत है। उन्होंने रिजल्ट के बाद रिव्यू में कहा, "हम 1,860 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ एचडीएफसी बैंक के लिए 'Buy' रेटिंग बनाए रखते हैं और बैंक का मूल्य 2.5x बुक और 15x FY26E EPS पर RoE के लिए 16 फीसदी और 15 फीसदी CAGR पर रखते हैं।"
Q3 नतीजों के बाद तेज गिरावट की क्या है वजह?
शेयरखान बाय बीएनपी परिबास में फंडामेंटल रिसर्च के डिप्टी वीपी राहुल मालानी ने कहा, "एचडीएफसी बैंक के Q3 रिपोर्ट कार्ड में इसके लिए मुख्य नेगेटिव इसका कोर ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस है।" उन्होंने आगे कहा, "लेंडर का NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) तिमाही आधार पर में 5-10 आधार अंक के अपेक्षित सुधार के मुकाबले फ्लैट रहा, क्योंकि इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (ICRR) पर रेगुलेशन वापस ले लिया गया था। लायबिलिटी की बात करें तो मुख्य चुनौती हायर क्रेडिट-टू-डिपॉजिट (CD) रेश्यो थी क्योंकि यह 110 फीसदी रही, जो कि इंडस्ट्री एवरेज से अधिक है।"
दूसरी ओर, बैंक का लोन ग्रोथ 5 फीसदी तिमाही पर मजबूत था, लेकिन डिपॉजिट में Q3FY24 में तिमाही आधार पर 2 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई। नतीजतन, लोन-टू-डिपॉजिट रेश्यो (LDR) 107 फीसदी QoQ के मुकाबले 110 फीसदी तक बढ़ गया, जिसका मतलब है कि बैंक को नियर-से-मीडियम टर्म में हायर लोन ग्रोथ को एनेबल करने के लिए डिपॉजिट ग्रोथ को बढ़ाने की जरूरत है। 80-90 फीसदी का LDR बैंकों के लिए हेल्दी माना जाता है। ICICI सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स ने कहा कि NIM में धीरे-धीरे सुधार हो सकता है। ब्रोकरेज ने एचडीएफसी बैंक के स्टॉक पर 'Add' रेटिंग दी है, जिसका टारगेट प्राइस 1,850 रुपये प्रति शेयर है।