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FMCG शेयरों में तेजी, मार्जिन से जुड़ी चिंता कम होने का दिखा असर, जानिए आगे कैसी रह सकती है चाल

अधिकांश FMCG कंपनियों के मुख्य कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले क्रूड पाम ऑयल का भाव 1800 डॉलर प्रति टन से घटकर 1200 डॉलर प्रति टन पर आ गया है

अपडेटेड Jun 24, 2022 पर 11:53 AM
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Edelweiss Securities का यह भी कहना है कि अगर कच्चे तेल में गिरावट का दौरा जारी रहता है तो सितंबर से FMCG कंपनियों के मार्जिन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी

24 जून यानी आज के कारोबार में FMCG शेयरों के कंपनियों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। एनालिस्ट का मानना है कि ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में आई गिरावट से आगे एफएमसीजी कंपनियों के मुनाफे में बढ़त देखने को मिल सकती है। यही वजह है कि आज के कारोबार में FMCG शेयर जोश में दिख रहे हैं।

FMCG कंपनियां गेहूं और क्रूड पाम तेल जैसे कमोडिटीज की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इस साल दबाव में रही है। इन कमोडिटीज की कीमतों में बढ़ोतरी से FMCG कंपनियां के मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है। 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में बढ़ती उत्पादन लागत के चलते अधिकांश FMCG कंपनियां के मार्जिन पर सालाना आधार पर गिरावट देखने को मिली है। हालांकि हाल के दिनों में पश्चिमी देशों में मांग को लेकर बढ़ते दबाव और सरकार की तरफ से खाने के तेल जैसे इंपोर्ट किए जाने वाले कमोडिटीज की कीमतों को नियत्रंण में लाने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में गिरावट आई है।

कमोडिटी की कीमतों में इस गिरावट से FMCG कंपनियों के मार्जिन पर बनने वाले दबाव की चिंता कुछ कम हुई है। जिसके चलते आज FMCG कंपनियों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली है। इस हफ्ते निफ्टी का FMCG इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा भागा है जो इस साल के सबसे बेहतर प्रदर्शनों में से एक है।


अधिकांश FMCG कंपनियों के मुख्य कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले क्रूड पाम ऑयल का भाव 1800 डॉलर प्रति टन से घटकर 1200 डॉलर प्रति टन पर आ गया है। Edelweiss Securities का कहना है कि कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट से हम खुश हैं लेकिन हमें भाव में स्थिरता का इंतजार है।

Edelweiss Securities का यह भी कहना है कि अगर कच्चे तेल में गिरावट का दौरा जारी रहता है तो सितंबर से FMCG कंपनियों के मार्जिन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा जानकारों का यह भी कहना है कि महंगाई के दबाव के कम होने के साथ ही ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। अच्छे मानसून की वजह से वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में फॉर्म इनकम बढ़ेगी। जिसका फायदा FMCG कंपनियों को मिलेगा। बतातें चलें कि खपत वाली कंपनियों की आय में ग्रामीण मार्केट का आधी से ज्यादा हिस्सेदारी है।

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