Franklin Templeton buy shares : वैल्यूएशन की चिंताओं और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच शेयरों में गिरावट को कुछ इनवेस्टर्स खरीदारी के मौके के रूप में देख रहे हैं। इसी क्रम में फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कुछ भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में शेयर खरीदे हैं। Franklin Templeton की भारतीय यूनिट के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर आनंद राधाकृष्णन (Anand Radhakrishnan) ने कहा, हम नई टेक कंपनियों में निवेश पर गौर कर रहे हैं, क्योंकि उनकी वैल्यूएशन अब ठीक लग रही है। बताते चलें कि पिछले लगभग एक साल में बाजार में आगाज करने वाले पांच बहुचर्चित शेयरों की मार्केट वैल्यू में 20 अरब डॉलर कम हो चुकी है।
उपलब्ध है इन कंपनियों का डेटा
ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में राधाकृष्णन ने कहा, अब इन कंपनियों के बिजनेस मॉडल्स से जुड़ा डेटा उपलब्ध है। इससे निवेश से जुड़े फैसले लेना आसान हो गया है।
महामारी के बाद सरल नीतियों और सरकार की तरफ से स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिए जाने के चलते 2021 में कई टेक कंपनियों के आईपीओ आए। हालांकि, बीते साल फंडामेंटल्स से जुड़ी चिंताओं, वैश्विक स्तर पर टेक कंपनियों में बिकवाली के चलते स्टॉक्स को तगड़ा झटका लगा। राधाकृष्णन ने कहा कि कुछ नई टेक कंपनियों ने यह दिखाना शुरू कर दिया है कि वे प्रॉफिट कमा सकती हैं।
इन दो कंपनियों में खरीदी हिस्सेदारी
ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, फ्रैंकलिन टेम्पलटन के प्रबंधन वाले फंड्स ने नवंबर महीने में ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक प्रोवाइडर डेल्हीवरी लि. के कम से कम 33 लाख शेयर और पीबी फिनटेक के 20 लाख शेयर खरीदे हैं। पीबी फिनटेक ऑनलाइन इंश्योरेंस मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजार चलाती है।
7 अरब डॉलर की ओवरसीज एसेट को संभालने वाले राधाकृष्णन ने कहा, जोमैटो को छोड़कर हमने इनमें से किसी के आईपीओ में भाग नहीं लिया था। हालांकि, अब हम ज्यादा पारदर्शिता देखते हैं और इन दिनों मैनेजमेंट से खासी बातचीत हो रही है।
इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड ने दिया 86 फीसदी रिटर्न
उन्होंने कहा कि कंपनी इनमें से कुछ कंपनियों के बिजनेस के अस्थिर स्वभाव को मानती है और “मध्यम से लंबी अवधि में उनके पैसा बनाने की क्षमता” को भी स्वीकार करती है। कंपनी के 1.3 अरब डॉलर के इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड (India Flexi Cap Fund) ने पिछले तीन साल में 86 फीसदी के रिटर्न के साथ शानदार प्रदर्शन किया है।