HDFC Bank : देश के सबसे बड़े लेंडर एचडीएफसी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपनी सभी सब्सिडियरीज और उनकी पैरेंट कंपनी एचडीएफसी लि. (HDFC Ltd) को मौजूदा रूप में बनाए रखने की अनुमति मांगी है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह बात कही है।
HDFC Bank : देश के सबसे बड़े लेंडर एचडीएफसी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपनी सभी सब्सिडियरीज और उनकी पैरेंट कंपनी एचडीएफसी लि. (HDFC Ltd) को मौजूदा रूप में बनाए रखने की अनुमति मांगी है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह बात कही है।
हालांकि, बैंकिंग रेगुलेटर ने दो सब्सिडियरीज- एचडीएफसी क्रेडिलिया (HDFC Credila) और एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) के बिजनेस के नेचर पर कुछ चिंताएं जाहिर की थीं, क्योंकि ये ऐसे बिजनेस हैं जो बैंक के भीतर भी किए जा सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक आरबीआई से कर सकता है यह मांग
Credila, एचडीएफसी लि. की सब्सिडियरी है। वहीं एचडीबी फाइनेंशियल, बैंक के तहत आती है। क्रेडिलिया एजुकेशन लोन के बिजनेस में हैं, जबकि एचडीबी फाइनेंशियल मुख्य रूप से पर्सनल लोन, बिजनेस लोन और ऑटो लोन से जुड़ी है।
सूत्रों ने कहा कि यदि RBI इन दोनों सब्सिडियरीज को बनाए रखने पर सहमति नहीं देता है तो बैंक रेगुलेटर से एचडीएफसी क्रेडिलिया और एचडीएफसी फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी घटाने का मार्ग प्रशस्त करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि दूसरे बिजनेस में निवेश करने के लिए इनमें हिस्सेदारी बेची जाएगी।
इस पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं, RBI ने इस मसले पर अपनी अंतिम राय नहीं दी है।
ये हैं एचडीएफसी की सब्सिडियरीज
एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक दोनों की HDFC Credila और HDB Financial Services सहित लगभग एक दर्जन सब्सिडियरीज हैं, जो लेंडिंग बिजनेस में हैं। HDFC की दूसरी सब्सिडियरीज में HDFC Life, HDFC Pension, HDFC Mutual Fund, HDFC ergo, HDFC Property Fund और HDFC Edu शामिल हैं।
बैंक को मिल सकता है बीच का रास्ता
सूत्रों के मुताबिक, RBI एचडीएफसी बैंक को Credila और HDB Financial को हिस्सेदारी घटाने का बीच का रास्ता देने के खिलाफ नहीं है। यदि रेगुलेटर ऐसा करता है तो मौजूदा रूप में इन दोनों इकाइयों को जारी रखना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह तरीका उन सब्सिडियरीज पर लागू होगा, जहां बैंक बिजनेस जारी नहीं रख सकता है। सूत्र ने कहा, “आरबीआई बैंक को दिशानिर्देश देगा और बैंक एक निश्चित अवधि में हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है, चाहे यह क्रेडिलिया हो या एचडीबी। दोनों के साथ एक ही तरह का मुद्दा है।”
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