नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange (NSE) द्वारा फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में आज यानी मंगलवार,30 नवंबर, 2021 को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (Indiabulls Housing Finance) के रूप में केवल एक स्टॉक पर कारोबार करने पर प्रतिबंध लगाया है। एनएसई के मुताबिक एफएंडओ सेगमेंट के तहत सिक्योरिटी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि इसने मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट (MWPL) की 95% सीमा को पार कर लिया है। कल यानी सोमवार को भी इस पर बैन था।
इंडियाबुल्स हाउसिंग भारत की अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) में से एक है जो कि इंडियाबुल्स ग्रुप का हिस्सा है और किफायती हाउसिंग सेगमेंट में होम लोन उपलब्ध कराती है।
स्टॉक एक्सचेंज ने कहा, "सभी ग्राहकों / सदस्यों को सूचित किया जाता है कि वे उक्त सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में केवल ऑफसेटिंग पोजीशन के जरिये अपनी पोजीशन को घटाने के लिए कोराबार करेंगे।" एनएसई ने कहा, "ओपन पोजीशन में कोई भी बढ़ोत्तरी करने पर उचित पेनाल्टी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।"
मिंट की खबर के मुताबिक एनएसई ने कहा कि इस सिक्योरिटीज में डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट ने मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट के 95% सीमा को पार कर दिया है लिहाजा स्टॉक एक्सचेंज द्वारा वर्तमान में इसे बैन पीरियड (ban period) में डाल दिया गया है।
गौरतलब है कि F&O बैन पीरियड के दौरान किसी भी स्टॉक में किसी F&O कॉन्ट्रैक्ट के लिए नई पोजीशन की अनुमति नहीं होती है। स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा निर्धारित की जाने वाली MWPL किसी भी समय (ओपन इंटरेस्ट) खुल सकने वाले कॉन्ट्रैक्ट्स की अधिकतम संख्या होती है। इसलिए MWPL के ओपन इंटरेस्ट की 95% सीमा को पार कर जाने के बाद वह स्टॉक F&O कॉन्ट्रैक्ट बैन पीरियड में शामिल हो जाता है।